Interest Rate: सरकार ने बचत खाताधारकों को एक बार फिर निराश किया है. उसने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि ब्याज दरें जनवरी-मार्च तिमाही की तरह ही बनी रहेंगी. यह लगातार पांचवीं तिमाही है, जब सरकार ने लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई वृद्धि नहीं की है.
ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, सुकन्या समृद्धि योजना में जमा पर ब्याज दर 8.2% बनी रहेगी. तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम पर ब्याज दर 7.1% बरकरार रखी गई है. वहीं, लोकप्रिय सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और डाकघर बचत जमा योजना की ब्याज दरें क्रमशः 7.1% और 4% पर स्थिर रखी गई हैं. इसके अलावा, किसान विकास पत्र (KVP) पर ब्याज दर 7.5% रहेगी और यह निवेश 115 महीनों में मैच्योर होगा. राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) की ब्याज दर 7.7% बनी रहेगी, जबकि मासिक आय योजना (MIS) निवेशकों को 7.4% की दर से ब्याज देगी.
लगातार पांचवीं तिमाही में कोई बदलाव नहीं
सरकार हर तिमाही में लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा करती है और जरूरत के हिसाब से इनमें बदलाव किया जाता है. हालांकि, यह लगातार पांचवीं तिमाही है, जब सरकार ने इन ब्याज दरों में कोई वृद्धि नहीं की है. पिछली बार 2023-24 की चौथी तिमाही में कुछ योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव किया गया था.
निवेशकों को झटका, बढ़ती महंगाई के बीच राहत नहीं
ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी न होने से आम निवेशकों और बचत खाताधारकों को झटका लगा है. लगातार बढ़ती महंगाई और आर्थिक अस्थिरता के बीच निवेशक ब्याज दरों में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इन्हें यथावत बनाए रखने का फैसला किया.
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क्या है इसका असर?
- बचत योजनाओं में निवेश करने वाले खाताधारकों को उम्मीद के अनुरूप रिटर्न नहीं मिलेगा.
- महंगाई दर बढ़ने से वास्तविक रिटर्न में कमी हो सकती है.
- सुरक्षित निवेश की चाह रखने वालों के लिए सीमित विकल्प रहेंगे.
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