Mahakumbh: 45 दिनों तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चले महाकुंभ मेले के खत्म होने के बाद उद्योगपति गौतम अदाणी की प्रतिक्रिया सामने आई है. महाकुंभ की समाप्ति पर उन्होंने अपना अनुभव शेयर किया. उन्होंने महाकुंभ में अपने सेवा कार्य को ‘तेरा तुझको अर्पण’ की भावना से किया गया काम बताया.
सेवा ही ईश्वर के साक्षात्कार का श्रेष्ठ मार्ग: गौतम अदाणी
उन्होंने देश भर को महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं देने के साथ ही लिखा कि – “मेरा मानना है कि जीव मात्र की सेवा ही ईश्वर के साक्षात्कार का श्रेष्ठ मार्ग है. महाकुंभ ‘तेरा तुझको अर्पण’ की भावना को साकार करने का अवसर देता है, जहां हम जननी जन्मभूमि से प्राप्त सब कुछ उसे समर्पित कर सकते हैं. लाखों श्रद्धालुओं की सेवा करके हम स्वयं को धन्य मानते हैं. वास्तव में, सेवा करने वाला नहीं, बल्कि सेवा ग्रहण करने वाला ही हमें परमात्मा तक पहुंचने का अवसर देता है. ऐसे हमें जिन भाई-बहनों और संतजनों की सेवा करने का पुण्य प्राप्त हुआ उन्हें करबद्ध नमन.” बता दें कि अदाणी समूह में महाकुंभ के मौके पर इस्कॉन के साथ हाथ मिलाकर प्रतिदिन 1 लाख श्रद्धालुओं में महाप्रसाद वितरण का सेवा का संकल्प लिया था.
अदाणी समूह ने की खास पहल
अदाणी समूह ने इस बार अपने कर्मचारियों के लिए भी महाकुंभ को लेकर एक खास पहल की थी. गौतम अदाणी इसके बारे में बताते हुए लिखते हैं – इस महाकुंभ के दौरान अदाणी परिवार में एक अनोखा प्रयोग किया गया. हमने परिवार के सदस्यों को महाकुंभ में अपनी सेवाएं देने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का विकल्प दिया, और कुछ ही घंटों में हज़ारों सदस्यों ने इस पवित्र कार्य के लिए खुद को समर्पित कर दिया. परिणामस्वरूप, अदाणी परिवार के 5000 से अधिक सदस्यों को श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त किया है. कुंभ जैसे महाआयोजन में सेवा के माध्यम से उन्होंने मैनेजमेंट, लीडरशिप, क्राइसिस हैंडलिंग, और टीमवर्क जैसे व्यावहारिक पाठ सीखे, जो उन्हें एक बेहतर प्रबंधक ही नहीं, बेहतर इंसान भी बनाएगा.
गौतम अदाणी ने याद किया वृद्ध महिला को
गौतम अदाणी ने 21 जनवरी 2025 को परिवार के साथ प्रयागराज की यात्री की और महाकुंभ में स्नान एवं पूजन किया. इस दौरान उन्होंने इस्कॉन में महाप्रसाद और गीताप्रेस के पंडाल में आरती संग्रह का वितरण किया. इस मौके पर उन्होंने एक वृद्ध महिला से अपनी मुलाकात को याद किया. वह लिखते हैं – मुझे अब भी वह भावपूर्ण क्षण याद है जब मैं प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के पास गीता प्रेस के शिविर में आरती संग्रह वितरित कर रहा था. तभी लगभग 80 वर्ष की एक वृद्ध मां भीड़ को चीरते हुए मेरे पास आईं और मेरे सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया. उस पल जो अनुभूति हुई, वह शब्दों से परे थी – एक गहरा आत्मिक स्पर्श, जिसे मैं जीवनभर संजोकर रखूंगा. मेरे लिए सेवा केवल एक कर्म नहीं, बल्कि अंतर्मन में गूंजने वाली प्रार्थना है-एक ऐसी प्रार्थना जो सदा विनम्रता और समर्पण के धरातल से जोड़े रखती है.
अदाणी समूह ने महाकुंभ में किया था खास इंतजाम
बता दें कि इस महाकुंभ में अदाणी समूह ने श्रद्धालुओं की सेवा के लिए इस्कॉन के साथ हाथ मिलाकर प्रतिदिन 1 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने और गीताप्रेस गोरखपुर के साथ मिलकर 1 करोड़ आरती संग्रह वितरित करने का संकल्प लिया था. इसके अलावा अदाणी समूह की तरफ से वृद्ध-महिलाओं और बच्चों के लिए मुफ्त गॉल्फ कार्ट सेवा भी चलाई गई थी.
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