आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी OpenAI और सोशल मीडिया कंपनी Meta भारतीय कंपनी Reliance के साथ नई AI बिजनेस साझेदारी को लेकर बातचीत कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, हाल के महीनों में OpenAI के अधिकारियों ने Reliance के प्रतिनिधियों के साथ एक संभावित उत्पाद और बिक्री साझेदारी के लिए बातचीत की है. रिपोर्ट के अनुसार, सैम ऑल्टमैन के नेतृत्व वाली कंपनी OpenAI, Reliance की टेलीकॉम शाखा Jio के साथ साझेदारी करना चाहती है ताकि वह अपने AI उत्पादों, जिनमें ChatGPT भी शामिल है, को वितरित या बेच सके.
Reliance का क्लाउड बिजनेस और API डील
बातचीत के दौरान Reliance, जो क्लाउड सेवाएं भी प्रदान करता है, ने अपने एंटरप्राइज ग्राहकों को OpenAI के मॉडल API के माध्यम से बेचने के प्रस्ताव पर विचार किया. हालांकि, इस डील में Microsoft की भागीदारी भी हो सकती है, जिसे API के माध्यम से व्यवसायों को OpenAI के मॉडल को पुनः बेचने का विशेषाधिकार प्राप्त है.
Meta की संभावित भूमिका
इसी दौरान, एक अन्य स्रोत ने बताया कि Meta Platforms ने भी Reliance के साथ AI व्यवसायों पर काम करने की “महत्वाकांक्षा” जताई है, हालांकि Meta ने इस बातचीत में शामिल किसी विशेष उत्पाद साझेदारी का उल्लेख नहीं किया.
भारत में ChatGPT की कीमतों में कमी
रिपोर्ट के अनुसार, OpenAI के शीर्ष अधिकारियों ने आंतरिक रूप से अपने कर्मचारियों को बताया कि कंपनी भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए ChatGPT के प्रीमियम सब्सक्रिप्शन की कीमत को वर्तमान $20 प्रति माह से घटाकर कुछ डॉलर तक करने पर विचार कर रही है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि OpenAI ने इस मूल्य कटौती को लेकर Reliance के साथ चर्चा की है या नहीं.
Reliance का डेटा सेंटर प्लान
सूत्रों ने यह भी बताया कि Reliance, जो गुजरात के जामनगर में सबसे बड़े डेटा सेंटरों में से एक का निर्माण कर रहा है, ने OpenAI और Meta को अपने डेटा सेंटर की क्षमता बेचने की संभावना पर भी चर्चा की है. Reliance ने 3 गीगावॉट (GW) क्षमता वाले संभावित डेटा सेंटर में OpenAI और Meta के बड़े भाषा मॉडल (LLM) को चलाने पर भी विचार किया है.
इसके अलावा, Reliance ने OpenAI के मॉडल को स्थानीय स्तर पर होस्ट और संचालित करने पर चर्चा की है ताकि भारतीय ग्राहकों का डेटा देश की सीमाओं के भीतर ही रखा जा सके. यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब Reliance के अधिकारियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ डेटा लोकलाइजेशन नियमों को लेकर बातचीत की है, जिसके तहत विदेशी AI कंपनियों को भारतीय उपभोक्ताओं का डेटा देश के भीतर ही स्टोर करना अनिवार्य होगा, ताकि सुरक्षा और निजता सुनिश्चित की जा सके.
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