PM Kisan Samman Nidhi Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में देश के पात्र किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की थी. इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में तीन समान किस्तों में भेजी जाती है. हालांकि, जांच में पता चला कि इस योजना का लाभ कई ऐसे लोगों ने भी उठा लिया, जो इसके लिए पात्र नहीं थे, जिसमें फर्जी किसानों द्वारा धन प्राप्त करने के मामले भी सामने आए. इस गड़बड़ी के चलते केंद्र सरकार ने अयोग्य लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की वसूली की है. सरकार के अनुसार, अब तक इस योजना के तहत 19 किस्तों के माध्यम से 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का वितरण किया जा चुका है.
योजना में गड़बड़ी रोकने के उपाय
18 मार्च 2025 को प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे उन लाभार्थियों की पहचान करें जो इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं. इसके तहत:
- जो व्यक्ति इनकम टैक्स भरते हैं.
- सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं.
- उच्च पदों पर आसीन लोग हैं.
ऐसे अपात्र लोगों को योजना का लाभ न मिले, इसके लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. यदि ऐसे व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हुआ है, तो उनसे राशि की वसूली की जाएगी. अब तक देशभर में ऐसे अपात्र लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है.
PM Kisan में पात्रता मानदंड
- सभी भूमिधारी किसान परिवार इस योजना के तहत पात्र हैं.
- किसान परिवार का आशय ऐसे परिवार से है जिसमें पति, पत्नी और अवयस्क बच्चे शामिल हैं.
- लाभार्थी किसान का नाम सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए.
कौन लोग लाभ नहीं ले सकते है
- संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति (मौजूदा और पूर्व)
- संस्थागत भूमि धारक
- वर्तमान या पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष
- राज्य/केंद्र सरकार के कर्मचारी एवं रिटायर्ड पेंशनभोगी (10,000 रुपये से अधिक पेंशन प्राप्त करने वाले)
- डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए और आर्किटेक्ट जैसी पेशेवर सेवाएं देने वाले व्यक्ति
- जो व्यक्ति पिछले वित्तीय वर्ष में आयकर दाता रहा हो
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