नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बजट 2017-18 में राजकोषीय मजबूती की राह पर कायम रहने के प्रयास की सराहना की है. हालांकि, मूडीज ने इसके साथ ही राजस्व संग्रहण लक्ष्य में ‘अडचनों’ पर चिंता जतायी है. रेटिंग एजेंसी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अगले वित्त वर्ष में कम यानी 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के फैसले पर चिंता जताते हुए इसे साख की दृष्टि से नकारात्मक बताया है.
सरकार ने 2017-18 में राजकोषीय घाटा कम यानी सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया है. 2018-19 के लिए यह लक्ष्य तीन प्रतिशत है. मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने कहा, ‘मूडीज को उम्मीद है कि सरकार अपने लक्ष्यों को पा लेगी.
यह हासिल होने योग्य बजट अनुमानों तथा राजकोषीय मजबूती को लेकर प्रतिबद्धता जताने की वजह से है. हालांकि इसके साथ ही व्यय प्रतिबद्धताएं काफी हैं, साथ ही राजस्व संग्रहण में बुनियादी अडचनें भी हैं.’
सरकार को अगले वित्त वर्ष में करों से 19.06 लाख करोड़ रुपये के संग्रहण की उम्मीद है. इनमें से 9.80 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष करों से और 9.26 लाख करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष करों से आने का अनुमान है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.