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सब्सिडी अमीरों के लिए नहीं जरूरतमंदों के लिए है : जेटली

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार सब्सिडी के खिलाफ नहीं है लेकिन वह मानती है कि यह अमीरों के लिये नहीं बल्कि जरुरतमंदों के लिए है. जेटली ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सब्सिडी लाभ को तर्कसंगत बनाने और इसे सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार सब्सिडी के खिलाफ नहीं है लेकिन वह मानती है कि यह अमीरों के लिये नहीं बल्कि जरुरतमंदों के लिए है. जेटली ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सब्सिडी लाभ को तर्कसंगत बनाने और इसे सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की बात कहने के एक दिन बाद कही है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले बजट में अच्छी रेटिंग पाने के लिए लोकलुभावन नीतियों पर जोर नहीं दिया जाएगा बल्कि ढांचागत सुधारों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा.

उन्होंने उम्मीद जतायी कि कांग्रेस जरुरत को देखते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित करने में मदद करेगी. उन्होंने यहां ‘द इकनोमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट’ में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने उचित बात कही है, और वह यह है कि सरकार सब्सिडी की आवधारणा के खिलाफ नहीं है.’ कुल जनसंख्या का 25 प्रतिशत हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे है इसलिए बहुत बडी आबादी सस्ता खाद्यान्न प्राप्त करने की पात्र है जबकि कृषि क्षेत्र के दबाव में भी मदद करने की जरुरत है.

उन्होंने कहा, ‘यदि आप भारतीय अर्थव्यवस्था के पूरे ढांचे को देखें तो इसका कृषि क्षेत्र विशेष तौर पर पिछले साल खराब मानसून के कारण दबाव में रहा. इसलिए आपको इस क्षेत्र विशेष में धन डालने की जरुरत है. इसलिए सब्सिडी लक्षित और जरुरतमंदों के लिए होनी चाहिये.’ जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कल कहा था है कि सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जा रहा है. इसे खत्म नहीं किया जा रहा.

जेटली ने स्पष्ट किया, ‘मुझे लगता है कि यह सही बयान है. सब्सिडी उन लोगों तक पहुंचनी चाहिए जो वास्तव में इसके पात्र हैं न कि अपेक्षाकृत सुविधा-संपन्न लोगों को यह मिलनी चाहिये.’ उन्होंने कहा कि मोदी इस बहस में पैदा हुये असंतुलन को ठीक कर रहे थे. वास्तव में सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने का मतलब यह लगाया जाने लगा कि सब्सिडी समाप्त की जायेगी. जेटली ने कहा कि भारत को एक छोटे शक्तिशाली कार्पोरेट क्षेत्र के साथ साथ मजबूत कृषि क्षेत्र की जरुरत है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हम इन क्षेत्रों को एक दूसरे के सामने प्रतिद्वंद्वी के तौर पर पेश करें. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को बढावा मिले’ जेटली ने कहा कि भारत को अर्थव्यवस्था की अपेक्षाकृत मजबूत बुनियाद तैयार करनी होगी.

उन्होंने कहा, ‘बजट को उन कमजोर क्षेत्रों का आकलन करना है जिनमें निवेश की जरुरत है. इसलिए मुझे उस दिशा में आगे बढना है. यदि बजट सिर्फ रेटिंग बटोरने के लिए लोकलुभाव नीति पर चलता है तो जरुरी नहीं कि इससे अर्थव्यवस्था या यहां तक कि ठोस राजनीति का भी उद्देश्य पूरा हो.’

उन्होंने कहा कि सरकार पिछली तारीख से कर संबंधी दावे नहीं करेगी और वह शेष दो या तीन विवादों को जितनी जल्दी हो इसका समाधान करेगी. जेटली ने कहा कि भुगतान किये जाने वाले कर का संग्रह होना चाहिए लेकिन अनुचित कर नहीं लगना चाहिए क्योंकि अनुचित आकलन से बदनामी होती है और राजस्व भी नहीं आता है.

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