नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र कंपनी की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) का वित्त वर्ष 2014-15 में पश्चिमी अपतटीय क्षेत्रों से कच्चे तेल का उत्पादन 10 प्रतिशत बढा है. पिछले कुछ साल से इन क्षेत्रों से उत्पादन घट रहा था. देश का यह सबसे बडा तेल एवं गैस उत्पादक प्रतिष्ठान तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठाना चाहता है जो कई वर्ष के निम्नतम स्तर पर आ गया है.
कंपनी इस दौर में अमेरिका, रुस, मध्य एशिया व अफ्रीका में तेल एवं गैस क्षेत्रों का आक्रामक तरीके से अधिग्रहण करना चाहती है ताकि वह 2018 तक विदेशी परिसंपत्तियों से दो करोड टन तेल या उसके समतूल्य खनिज ईंधन का उत्पादन करने का लक्ष्य हासिल कर सके.
ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डी के सर्राफ ने कहा, कच्चे तेल का उत्पादन अप्रैल में 2,85,642 बैरल प्रतिदिन था, जो इस महीने बढकर 3,15,000 बैरल प्रतिदिन हो गया है. पिछले कुछ वर्ष में ओएनजीसी का उत्पादन लक्ष्य के अनुरुप नहीं रहा है.
कंपनी का इरादा तेल एवं गैस उत्पादन बढाने के लिए खोजे गए क्षेत्रों को तेजी से विकसित करने का है. उन्होंने कहा, चालू वर्ष में उत्पादन में 10 प्रतिशत की बढोतरी ऐसी कंपनी के लिए उपलब्धि है जिससे तेल क्षेत्र पुराने हैं. पश्चिमी अपतटीय क्षेत्र में देश का सबसे बडा तेल एवं गैस उत्पादन क्षेत्र मुंबई हाई व बासेन है.
इसके अलावा उसकी कई छोटी खोजें भी हैं, जिन्हें ओएनजीसी ने अब अपनी मुख्य उत्पादन प्रणाली से जोड लिया है और उत्पादन शुरु कर दिया है. सर्राफ ने कहा कि कंपनी नए क्षेत्रों को उत्पादन में लाने पर ध्यान केंद्रीत करेगी. इसके अलावा कंपनी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पुराने क्षेत्रों से उत्पादन में गिरावट पर काबू पाने का प्रयास करेगी.
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