नयी दिल्ली : देश के गैर-प्रमुख बंदरगाहों पर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में माल ढुलाई 4.8 फीसदी बढ़कर 44.72 करोड़ टन पर पहुंच गयी. पोत परिवहन मंत्रालय की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में गैर-प्रमुख बंदरगाहों पर माल ढुलाई 42.65 करोड़ टन रही थी.
रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान ओड़िशा के बंदरगाह निदेशालय की माल ढुलाई सबसे अधिक 64.2 फीसदी बढ़ी. इस दौरान तमिलनाडु समुद्री बोर्ड बंदरगाह की ढुलाई 34.1 फीसदी, बंदरगाह निदेशालय पुडुचेरी की ढुलाई 27.7 फीसदी और अंडमान निकोबार द्वीप के बंदरगाह प्रबंधन बोर्ड की ढुलाई 25.4 फीसदी बढ़ी.
वहीं, कर्नाटक के बंदरगाह निदेशालय ने इस दौरान ढुलाई में 25 फीसदी और गुजरात समुद्री बोर्ड ने 4.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है. वहीं, इस दौरान गोवा, केरल समुद्री बोर्ड, महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड तथा आंध्र प्रदेश के बंदरगाह निदेशालय में ढुलाई में गिरावट रिकॉर्ड की गयी. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक माल के रखरखाव की बात है, तो गुजरात समुद्री बोर्ड में सबसे अधिक 30.49 करोड़ टन माल चढ़ाने और उतारने का काम हुआ और उसकी हिस्सेदारी 68.2 फीसदी रही.
उसके बाद, आंध्र प्रदेश के बंदरगाह निदेशालय का नंबर आता है. उसकी बाजार हिस्सेदारी 17 फीसदी, महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड की 6.8 फीसदी और ओड़िशा के बंदरगाह निदेशालय की हिस्सेदारी 5.7 फीसदी रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात समुद्री बोर्ड ने सबसे ज्यादा विदेशी माल का रखरखाव और उतार- चढ़ाव किया. इस बोर्ड में 26.99 करोड़ टन माल का उतार चढ़ाव हुआ, जो कि कुल माल के आवागमन में 71.2 फीसदी हिस्सेदारी रही. इसके बाद आंध्र प्रदेश बंदरगाह निदेशालय का 16.5 फीसदी और ओड़िशा बंदरगाह निदेशालय का 6 फीसदी हिस्सा रहा.