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टैक्स सेविंग के लिए बेहतर विकल्प है इएलएसएस, एसआइपी से भी कर सकते हैं निवेश

प्रवीण मुरारका निदेशक, पूनम सिक्युरिटीज, रांची वित्त वर्ष 2019-20 के समाप्त होने में मात्र ढाई महीने ही बचे हैं. ऐसे में अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स बचाने के लिए कुछ भी उपाय नहीं किये हैं, तो देर नहीं करिये. वित्तीय बाजार में बहुत सारे टैक्स सेविंग विकल्प मौजूद हैं. उनमें से एक है इएलएसएस […]

प्रवीण मुरारका
निदेशक, पूनम सिक्युरिटीज, रांची
वित्त वर्ष 2019-20 के समाप्त होने में मात्र ढाई महीने ही बचे हैं. ऐसे में अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स बचाने के लिए कुछ भी उपाय नहीं किये हैं, तो देर नहीं करिये. वित्तीय बाजार में बहुत सारे टैक्स सेविंग विकल्प मौजूद हैं. उनमें से एक है इएलएसएस यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम. आज पेश हैं इसी से जुड़ी कुछ खास जानकारियां.
आज के समय में म्यूचुअल फंड में निवेश काफी लोकप्रिय हो चुके हैं. इक्विटी यानी शेयर में सीधा निवेश न कर म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश कर अधिकतम रिटर्न पाने की एक विकल्प के रूप में भी कई लोग इसे देखते हैं.
और अगर इसी तरह इक्विटी में निवेश करते हुए टैक्स बचाने का विकल्प भी मिल जाये तो क्या कहने. इएलएसएस एक ऐसी ही योजना है जो इक्विटी में निवेश करते हुए आपको टैक्स बचाने का अवसर प्रदान करती है. इसे 2005 में वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था. इस योजना में कुछ शर्तें भी जुड़ी हुई हैं जो अंतत: आपके फायदे के लिए रखी गयी हैं. अधिकांश इएलएसएस याजनाएं ओपेन इंडेड होती हैं यानी इसमें आप साल भर में कभी भी निवेश कर सकते हैं
आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंडों में 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है. इस वित्त वर्ष में टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए 31 मार्च तक इएलएसएस में निवेश किया जा सकता है. इसमें आप एकमुश्त निवेश कर सकते हैं और चाहें तो छोटी-छोटी किस्तों में एसआइपी के माध्यम से निवेश कर सकते हैं.
एसआइपी से भी कर सकते हैं निवेश
500 रुपये प्रति माह से भी शुरू कर सकते हैं एसआइपी
जिस तरह अन्य म्यूचुअल फंड्स में एसआइपी के माध्यम से छोटी राशियों में हर महीने निवेश किया जा सकता है उसी तरह इएलएसएस में भी आप हर माह एसआइपी के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. यह निवेश मात्र 500 रुपये से भी शुरू की जा सकती है.
एचयूएफ के लिए है बेहतर विकल्प
हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए टैक्स सेविंग के लिए दो ही टैक्स सेविंग विकल्प मौजूद है, इंश्योरेंश और इएलएसएस. इसलिए एचयूएफ के लिए इश्योरेंश की तुलना में निवेश के लिए इएलएसएस के रूप में बेहतर विकल्प मौजूद है जिसका लाभ वे उठा सकते हैं.
तीन साल का होता है लॉक-इन
ईएलएसएस योजना की एक शर्त यह है कि इसमें किया गया निवेश अगले तीन साल के लिए लॉक हो जाता है यानी आप उसे नहीं निकाल सकते. यह तीन साल की अवधि आपके निवेश की तिथि के अनुसार ही निर्धारित होती है.
विशेष रूप से ध्यान देनेवाली बात यह है कि हर निवेश के लिए तीन साल की अवधि लागू होती है. सेक्शन 80सी के तहत उपलब्ध विकल्पों में सबसे कम तीन साल की लॉक-इन अवधि ईएलएसएस में होती है. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि केवल तीन साल की अवधि को ध्यान में रखकर ही इनमें निवेश किया जाये. चूंकि ये इक्विटी म्यूचुअल फंड ही होते हैं, इसलिए इनमें कम से कम पांच से सात साल के निवेश नजरिये के साथ ही पैसा लगाना चाहिए. वैसे लंबी अवधि में इससे और भी बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है.
कैसे चुनें इएलएसएस योजना
वैसे तो बाजार में बहुत सारी म्यूचुअल फंड कंपनियों की अपनी-अपनी इएलएसएस योजनाएं हैं. आपकी सुविधा के लिए हम कुछ इएलएसएस योजनाओं की सूची दे रहे हैं जिनकी बाजार में उपस्थिति पांच साल से अधिक हो चुकी है, साथ ही उनके द्वारा दिये गये रिटर्न को भी प्रस्तुत कर रहें हैं जिससे आपको चुनने में कोई परेशानी न हो.
10 इएलएसएस योजनाएं और उनका रिटर्न
योजनाओं का नाम 1 वर्ष 2 वर्ष 3 वर्ष 5 वर्ष अब तक
एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड 13.27 9.65 16.86 12.34 17.25
टाटा इंडिया टैक्स सेविंग फंड 14.21 3.76 14.74 13.08 13.53
डीएसपी टैक्स सेवर फंड 14.74 4.16 12.52 11.81 13.50
कोटक टैक्स सेवर फंड 11.48 4.77 12.95 10.52 11.52
आदित्य बिड़ला सनलाईफ टैक्स रिलीफ’96 4.64 1.00 14.42 11.03 23.60
आइसीआइसीआइ प्रू एलटी इक्विटी फंड 7.93 5.16 10.90 9.03 19.71
फ्रैंकलिन इंडिया टैक्सशील्ड 5.30 1.78 9.18 8.49 21.60
एचडीएफसी टैक्स सेवर फंड 3.98 -2.18 8.18 6.12 24.12
एसबीआइ मैग्नम टैक्सगेन’93 4.54 -0.85 7.98 6.91 15.24
यूटीआई एलटी इक्विटी फंड 9.51 2.53 10.69 8.41 10.62
मुद्रास्फीति को मात करने की है क्षमता
इएलएसएस के पिछले दस वर्षों के प्रदर्शन को देखा जाये तो इसमें लगभग 12-17 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को प्राप्त हुए हैं. और अगर आज की मुद्रास्फीति की दर को लिया जाये तो यह पांच फीसदी है. इस तरह यह स्पष्ट है कि इएलएसएस में किया गया निवेश मुद्रास्फिति को मात कर आपको बेहतर रिटर्न प्रदान करता है.
निकासी पर लगता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स : बजट 2018 के अनुसार, इएलएसएस योजना में किये गये निवेश पर निकासी के समय लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लग जायेगा. लंबी अवधि के तहत निवेशकों पर 10% कर लगाया जायेगा. ध्यान रखें इसमें एक लाख तक की राशि कर मुक्त होती है. इससे अधिक की राशि पर ही 10% पर कर लगता है.

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