नयी दिल्ली : सरकारी कंपनी कोल इंडिया की विशेष ई-नीलामी के जरिये बिजली क्षेत्र को आवंटित होने वाले कोयले में गिरावट आयी है. कोल इंडिया ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान 1.69 करोड़ टन कोयला आवंटित किया. एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में इसमें 22.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. कोल इंडिया ने 2018-19 के अप्रैल-नवंबर में बिजली क्षेत्र को 2.19 करोड़ टन कोयला आवंटित किया था.
कोयला मंत्रालय की ओर से मंत्रिमंडल के लिए तैयार की गयी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के तहत नवबंर, 2019 में कोयला आवंटन बढ़कर 40.5 लाख टन हो गया. नवंबर, 2018 में बिजली क्षेत्र को 15.3 लाख टन कोयला आवंटित किया था.
कोल इंडिया ने इससे पहले कहा था कि 2019-20 के लिए 66 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से 10 फीसदी की पेशकश (आवंटन) ई-नीलामी के जरिये करने की योजना है, जिसमें से 50 फीसदी (3.3 करोड़ टन) कोयले का आवंटन विशेष ई-नीलामी के जरिये करने का इरादा है.
कोल इंडिया ने कहा था कि वह अगले वित्त वर्ष में 75 करोड़ टन कोयला का उत्पादन करेगी. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोल इंडिया वित्त वर्ष 2024 तक एक अरब टन कोयले का उत्पादन करेगी.
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