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1 December से महंगी हो जायेंगी Airtel-Jio समेत मोबाइल कंपनियों की दरें, सस्ते रिचार्ज कराने का खत्म होने वाला है मौका

नयी दिल्ली : रविवार को एक दिसंबर है और आपको याद है न कि एक दिसंबर को क्या होना है? अगर नहीं याद है, तो हम बता देते हैं. एक दिसंबर से आर्थिक मंदी और बढ़ी महंगाई के बीच आपकी जेब पर बोझ बढ़ने वाला है. आप जिन सस्ती दरों पर अपने मोबाइल को रिचार्ज […]

नयी दिल्ली : रविवार को एक दिसंबर है और आपको याद है न कि एक दिसंबर को क्या होना है? अगर नहीं याद है, तो हम बता देते हैं. एक दिसंबर से आर्थिक मंदी और बढ़ी महंगाई के बीच आपकी जेब पर बोझ बढ़ने वाला है. आप जिन सस्ती दरों पर अपने मोबाइल को रिचार्ज कराते रहे हैं, अब वह दौर समाप्त होने वाला है.

वजह साफ है कि सेल्यूलर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने अपने आर्थिक बोझ को कम करने के लिए मोबाइल रिचार्ज की दरें बढ़ाने का फैसला किया है. यानी कि एक दिसंबर से मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को कॉल करने के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करना महंगा हो जायेगा. इसमें भारती एयरटेल के साथ-साथ वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो ने भी बीते दिनों अपनी-अपनी दरों में इजाफा करने का ऐलान किया है.

दरअसल, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने रविवार एक दिसंबर से अपने टैरिफ प्लान में इजाफा करने का ऐलान किया है. बताया जा रहा है कि एडजस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू (एजीआर) के भारी भरकम बकाये को भरने के लिए दोनों कंपनियां ऐसा करने पर विचार कर रही हैं. हालांकि, दोनों कंपनियों ने अभी यह नहीं साफ किया है कि वह मोबाइल टैरिफ में कितनी बढ़ोतरी करेंगी. हालांकि, मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि दूरसंचार कंपनियों की ओर से मोबाइल टैरिफ में 35 फीसदी तक बढ़ोतरी की जा सकती है.

भारती एयरटेल का कहना है कि दूरसंचार क्षेत्र में नयी तकनीक लगाने के लिए बहुत ज्‍यादा निवेश की जरूरत है. इसलिए टैरिफ बढ़ाया जायेगा. वहीं, सूत्रों का कहना है कि एयरटेल का 100 रुपसे का रिचार्ज 135 रुपये तक महंगा हो सकता है. हालांकि उम्मीद जतायी जा रही है कि रिचार्ज कीमत बढ़ाने की बजाय कुछ सर्विस (वॉयस कॉल, एसएमएस या डेटा) कम कर दिया जाये.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर विवाद पर दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ आदेश दिया था. इसमें ऑपरेटरों को सरकार को भारी-भरकम बकाये का भुगतान करना होगा. ऐसे में कंपनियां टैरिफ बढ़ाकर इसकी पूर्ति करना चाहती हैं. यदि कंपनियां टैरिफ बाउचर में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करती हैं, तो इससे उन्हें अगले 3 सालों में 35 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद जतायी जा रही है.

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