नयी दिल्ली : त्योहारों का महीना अक्टूबर और इस दौरान भी देश की आम जनता को महंगाई से निजात नहीं मिल पायी. इसी का नतीजा है कि इस साल के अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में उछलकर 4.62 फीसदी हो गयी, जबकि सितंबर में यह 3.99 फीसदी थी. मांस एवं मछली, सब्जियों तथा दालों के दाम बढ़ने से अगस्त महीने में खुदरा मुद्रास्फीति मामूली बढ़कर 3.21 फीसदी पर पहुंच गयी थी, जो 10 महीने का उच्चतम स्तर था.
अगर हम, सितंबर महीने की बात करें, तो इस दौरान आम लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत मिली थी. इस महीने थोक महंगाई दर 0.33 फसदी रही, जबकि अगस्त में 1.08 फीसदी थी. प्याज के दामों में बढ़ोतरी के बावजूद सितंबर में थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर 0.33 फीसदी दर्ज की गयी.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2018 की तुलना में सितंबर 2019 में थोक मुद्रास्फीति की दर 0.33 फीसदी रही है. सितंबर, 2018 में यह आंकड़ा 5.22 फीसदी था. जुलाई, 2019 में थोक मुद्रास्फीति की दर 1.08 फीसदी दर्ज की गयी थी. चालू वित्त वर्ष में अभी तक मुद्रास्फीति की दर 1.17 फीसदी रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 3.96 फीसदी था.
आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले छह महीनों के दौरान प्याज के दामों में असाधारण 122. 40 फीसदी की तेजी आयी है. इसके विपरीत, कच्चे तेल 21.41 फीसदी, रसोई गैस 27.51 फीसदी और आलू में 22.50 फीसदी की गिरावट हुई है.
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