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ई-सिगरेट और ई-हुक्का के निर्यात पर सरकार ने लगायी रोक, पकड़े जाने पर पांच साल के लिए खानी पड़ेगी जेल की हवा

नयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने ई-सिगरेट, ई-हुक्का और इस तरह के अन्य उपकरणों के निर्यात पर रोक लगा दी है. इसके उल्लंघन पर पांच साल तक की कैद की सजा हो सकती है. यह अधिसूचना सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट (उत्‍पादन , विनिर्माण , आयात , निर्यात , परिवहन , […]

नयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने ई-सिगरेट, ई-हुक्का और इस तरह के अन्य उपकरणों के निर्यात पर रोक लगा दी है. इसके उल्लंघन पर पांच साल तक की कैद की सजा हो सकती है. यह अधिसूचना सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट (उत्‍पादन , विनिर्माण , आयात , निर्यात , परिवहन , बिक्री , वितरण , भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्‍यादेश 2019 के अनुपालन के तहत जारी की गयी है.

वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या उसके किसी भी हिस्से या घटक समेत निकोटिन सेवान की सभी इलेक्ट्रानिक प्रणालियों, (धूम्रपान के) दहन की जगह आंच से प्रेरित उत्पादों, ई-हुक्‍का और इसी तरह के अन्य उपकरणों के निर्यात पर रोक लगायी जाती है. हालांकि, औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत लाइसेंस प्राप्त उत्पाद इसमें शामिल नहीं है.

सरकार ने पिछले हफ्ते अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत ई-सिगरेट का उत्पादन, आयात, निर्यात और बिक्री, वितरण अथवा विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध माना जायेगा. अध्यादेश के अनुसार, पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना है. अगली बार अपराध के लिए तीन साल तक कैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों लगाया जा सकता है. इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेटों के भंडारण के लिए भी छह माह तक कैद अथवा 50 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों दंड दिये जा सकते हैं. हाल ही में निदेशालय ने ई-सिगरेट के आयात पर प्रतिबंध लगाया था.

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