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WTO में भारत के खिलाफ EU के द्वारा दर्ज मामले के समाधान में हिस्सा बन सकता है जापान

नयी दिल्ली : जापान ने यूरोपीय संघ द्वारा भारत के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में दायर एक मामले के समाधान के लिए चर्चा में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है. यह मामला मोबाइल फोन सहित कुछ खास कैटेगरी के उत्पादों पर आयात शुल्क से संबंधित है. जापान छठा ऐसा देश है, जो डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान […]

नयी दिल्ली : जापान ने यूरोपीय संघ द्वारा भारत के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में दायर एक मामले के समाधान के लिए चर्चा में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है. यह मामला मोबाइल फोन सहित कुछ खास कैटेगरी के उत्पादों पर आयात शुल्क से संबंधित है. जापान छठा ऐसा देश है, जो डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान तंत्र के तहत इस मामले को लेकर चर्चा में शामिल होना चाहता है. उसके अलावा, कनाडा, थाईलैंड, अमेरिका, सिंगापुर और चीनी ताइपे ने भी चर्चा में शामिल होने में रुचि दिखायी है.

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यूरोपीय संघ ने मोबाइल फोन और संबंधित अपघटकों, आधार स्टेशनों, इंटीग्रेटेड सर्किट और ऑप्टिकल इंस्ट्रयूमेंट सहित सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के नौ कैटेगरी के उत्पाद पर आयात शुल्क को लेकर भारत को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान तंत्र में नौ अप्रैल को घसीटा था. यूरोपीय संघ का आरोप है कि इन कैटेगरी के उत्पादों पर शुल्क डब्ल्यूटीओ के नियमों के खिलाफ है, क्योंकि भारत ने ऐसे उत्पादों पर शुन्य प्रतिशत के बाध्यकारी शुल्क की प्रतिबद्धता जाहिर की थी.

डब्ल्यूटीओ के नियमों के मुताबिक, चर्चा के लिए आमंत्रित करना विवाद समाधान प्रक्रिया की दिशा में पहला कदम है. अगर द्विपक्षीय विचार-विमर्श से कोई संतोषजनक समाधान नहीं निकलता है, तो यूरोपीय संघ डब्ल्यूटीओ से इस मुद्दे पर निर्णय के लिए एक समिति के गठन का आग्रह कर सकता है. जापान ने डब्ल्यूटीओ को पत्र लिखकर कहा है कि वह इनमें से कुछ उत्पाद खासकर मोबाइल फोन और उनके घटकों को भारत को निर्यात करता है.

उसने कहा है कि ऐसे उत्पादों का निर्यात करने वाली कई जापानी कंपनियों ने भारत में शुल्क में बढ़ोत्तरी पर गंभीर चिंता जाहिर की है. जापान ने कहा है कि इन वजहों से उसके वाणिज्यिक हित जुड़े हुए हैं और वह चर्चा में शामिल होना चाहता है.

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