नयी दिल्ली : यदि आप असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और रिटायरमेंट की उम्र के बाद पेंशन पाने की लालसा है, तो आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि मोदी सरकार का श्रम मंत्रालय कह रहा है. श्रम मंत्रालय ने शनिवार को कहा है कि असंगठित क्षेत्र के 40 साल तक की उम्र के कामगार दो दिन बाद यानी 15 फरवरी से ही प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) योजना से जुड़ सकते हैं. यह जानकारी श्रम मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करके दी है.
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श्रम मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, योजना से जुड़ने वाले लाभार्थियों को 60 साल की उम्र के बाद 3,000 रुपये हर महीने पेंशन दी जायेगी. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 में इस योजना की घोषणा की है. योजना का उद्देश्य 15,000 रुपये तक की हर महीने कमाने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन उपलब्ध कराना है.
गोयल ने कहा कि इस योजना से अगले पांच साल में 10 करोड़ कामगारों के योजना से जुड़ने की उम्मीद है. इसके लिए अंतरिम बजट में 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. उन्होंने बजट में कहा था कि योजना को चालू वित्त वर्ष से ही लागू कर दिया जायेगा. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन से लाभार्थियों को 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम 3,000 रुपये की हर महीने पेंशन दी जायेगी. इस योजना के तहत योजना से जुड़ने वाले कामगारों को बहुत ही छोटी राशि हर महीने पेंशन योजना में जमा करानी होगी. इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी.
श्रम मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, योजना का नाम प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन 2019 होगा. यह योजना 15 फरवरी, 2019 से प्रभावी होगी. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगार 15 फरवरी या उसके बाद इस योजना को चुन सकते हैं. योजना के साथ 18 साल की उम्र में जुड़ने वाले कामगार को हर महीने 55 रुपये की छोटी सी रकम जमा करनी होगी. इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी.
इसके साथ ही, 18 साल से अधिक उम्र में योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति का मासिक अंशदान भी बढ़ता चला जायेगा. योजना से 29 साल की उम्र में जुड़ने वाले कामगार को 100 रुपये मासिक अंशदान करना होगा, जबकि 40 साल की आयु के व्यक्ति को योजना अपनाने पर 200 रुपये हर महीने अंशदान करना होगा. योजना के तहत 60 साल की आयु होने तक अंशदान करना होगा.
दरअसल, यह योजना रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्य कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कवर करेगी. हालांकि, असंगठित क्षेत्र के ऐसे कामगार इस योजना के लिए पात्र नही होंगे, जो कि राष्ट्रीय पेंशन योजना, कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना या फिर कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत आते हैं. ऐसे श्रमिक जो आयकर देते हैं, वे भी पात्र नहीं होंगे.
अधिसूचना में कहा गया है कि प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से जुड़ने के लिए श्रमिक की आयु 18 साल से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. साथ ही, श्रमिक के पास आधार संख्या और बचत खाता भी होना चाहिए. यह योजना असंगठित क्षेत्र कामगार सामाजिक सुरक्षा कानून 2008 के तहत लायी गयी है. योजना को चलाने के लिए केंद्र सरकार एक पेंशन कोष स्थापित करेगी.
योजना में यह भी प्रावधान होगा कि यदि कोई कामगार नियमित रूप से अंशदान करता रहा है और किसी वजह से बाद में उसकी मौत हो जाती है, तो उसकी पत्नी योजना को आगे बढ़ाने की पात्र होगी. वह आगे नियमित रूप से योजना में अंशदान कर सकती है. लाभार्थी की पत्नी अथवा पति अंशदाता की मौत होने पर योजना से यदि बाहर होना चाहते हैं, तो वह किये गये कुल अंशदान पर ब्याज सहित पूरी राशि को प्राप्त कर सकते हैं और योजना से बाहर हो सकते हैं. योजना के लाभार्थी के स्थायी रूप से अपंग होने की स्थिति में भी उसके पति अथवा पत्नी योजना को आगे जारी रख सकते हैं अथवा बाहर हो सकते हैं.
अधिसूचना में कहा गया है कि पेंशन शुरू होने के बाद लाभार्थी की मौत होने की स्थिति में उसकी पत्नी अथवा पति पेंशन की हकदार होगी और उसे पेंशन राशि का 50 फीसदी भुगतान किया जायेगा.
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