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किसानों के लिए जल्द ही पैकेज की घोषणा कर सकती है मोदी सरकार

नयी दिल्ली : खेती बाड़ी के क्षेत्र में तमाम मुश्किलों और परेशानियों को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न उपायों पर विचार किये जाने की अटकलों के बीच कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने गुरुवार को कहा कि सरकार जल्द ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक पैकेज की घोषणा करेगी. […]

नयी दिल्ली : खेती बाड़ी के क्षेत्र में तमाम मुश्किलों और परेशानियों को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न उपायों पर विचार किये जाने की अटकलों के बीच कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने गुरुवार को कहा कि सरकार जल्द ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक पैकेज की घोषणा करेगी. हालांकि, मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या यह राहत पैकेज एक फरवरी को पेश होने वाले बजट का हिस्सा होगा या इससे पहले इसकी घोषणा की जायेगी.

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रूपाला ने कृषि मंत्रालय की तरफ से वित्त मंत्रालय को वर्ष 2019-20 के बजट के लिए भेजे गये सुझावों को साझा करने से भी इनकार कर दिया. किसानों के लिए प्रस्तावित पैकेज के बारे में पूछे जाने पर रूपाला ने कहा कि आपको लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सूत्रों ने इससे पहले कहा था कि सरकार समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों के लिए फसली ऋण पर ब्याज पूरी तरह माफ कर सकती है. इससे सरकारी खजाने पर 15,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त बोझ आयेगा.

उन्होंने कहा कि खाद्यान्न वाली फसलों के लिए बीमा पॉलिसी पर प्रीमियम को पूरी माफ करने का भी प्रस्ताव है. केंद्र तेलंगाना और ओड़िशा सरकारों द्वारा लागू की जा रही योजना का मूल्यांकन भी कर रहा है, जिसमें किसानों के खाते में एक निश्चित राशि सीधे हस्तांतरित कर दी जाती है. इससे पहले, कृषि ज़ैद अथवा ग्रीष्मकालीन अभियान 2019 पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार रबी और खरीफ मौसम के बीच होने वाली खेती के रकबे को बढ़ाने पर भी गौर कर रही है, ताकि किसानों की आमदनी बढ़ायी जा सके. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है, जब इन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है.

वहीं, कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल, ग्रीष्मकालीन फसल सत्र में खेती का रकबा लगभग 45 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 20 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है. इस सत्र में चावल का उत्पादन 20 लाख हेक्टेयर से लगभग 45 लाख टन का रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार गैर-धान फसलों जैसे दलहन, मोटे अनाज और तिलहन का रकबा 25 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 50 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे गर्मी के मौसम में कुल खेती का रकबा 70 लाख हेक्टेयर हो जायेगा.

इस मौके पर कृषि आयुक्त एसके मल्होत्रा ​​ने कहा कि हम धान फसल के रकबे को और नहीं बढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि इसमें अधिक पानी की आवश्यकता होती है. आयुक्त ने कहा कि अगर खेती के रकबे में लक्षित वृद्धि को हासिल किया जाये, तो गर्मी के मौसम में गैर-धान फसलों का उत्पादन दोगुना होकर 50 लाख टन हो सकता है.

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