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94,000 करोड़ की कर्जदार कंपनी में डूब सकते हैं पीएफ के 20,000 करोड़

नेशनल कंटेंट सेल-आर्थिक मामलों के जानकारों ने व्यक्त किया अंदेशानयी दिल्ली : प्रोविडेंट और पेंशन फंडों में निवेश करनेवाले मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा हजारों लोगों के आइएल एंड एफएस के दिवालिया होने से 20,000 करोड़ रुपये डूब सकते हैं. इंफ्रा प्रोजेक्ट की फंडिंग करनेवाली प्रमुख एनबीएफसी कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशिएल सर्विसेज (आइएल एंड […]

नेशनल कंटेंट सेल
-आर्थिक मामलों के जानकारों ने व्यक्त किया अंदेशा
नयी दिल्ली :
प्रोविडेंट और पेंशन फंडों में निवेश करनेवाले मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा हजारों लोगों के आइएल एंड एफएस के दिवालिया होने से 20,000 करोड़ रुपये डूब सकते हैं. इंफ्रा प्रोजेक्ट की फंडिंग करनेवाली प्रमुख एनबीएफसी कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशिएल सर्विसेज (आइएल एंड एफएस) पर अप्रैल 2018 तक 94,000 करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है. कंपनी अपनी कई लोन किस्तों की भरपायी नहीं कर पायी है.

मीडिया रिपोर्ट्स और एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इस क्षेत्र से जुड़े तीन विश्लेषकों ने अनुमान जताया है कि इन पीएफ कंपनियों ने आइएल एफएस ग्रुप में 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. लोगों के रिटायरमेंट के लिए पैसे का मैनेजमेंट करनेवाले कई फंडों ने आइएलएफएस के बॉन्ड में निवेश किया है. इस समूह की दिवालिया हो चुकी कंपनियों को लोन दिया है. पीएफ और पेंशन फंड करनेवाली कंपनियों ने इसमें इस उम्मीद से निवेश किया था कि ‘एएए’ रेटिंगवाले ये निवेश सुरक्षित होंगे. इस पर उन्हें ज्यादा रिटर्न मिल रहा था. मामले से जुड़े दो लोगों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी.

उन्होंने आगे कहा कि इन फंडों ने इन आइएल एंड एफएस में कितना निवेश किया है, इस बारे में पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता. इसकी वजह यह है कि इन फंडों का स्ट्रक्चर निवेश को लेकर ज्यादा पारदर्शी नहीं होता. मगर यह रकम 20,000 करोड़ तक पहुंच सकती है. यूबीएस विश्लेषकों ने अनुमान लगाया कि आइएल एंड एफ को कर्ज देनेवाली कंपनियों को 11,300 करोड़ से 28,500 करोड़ की चपत लग सकती है.

कर्ज देनेवाले प्रमुख बैंक

यस बैंक, पीएनबी, इंडसइंड बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बैंकों ने भी आइएल एंड एफएस को कर्ज दिया है. मगर यह साफ नहीं कि प्रॉविडेंड फंउ, पेंशन फंडों ने कितना निवेश किया है.

कंपनियों के बॉन्ड में पीएफ हिस्सेदारी 40 प्रतिशत
एक इंवेस्टमेंट बैंकर ने बताया कि आइएल एंड एफएस के बॉन्ड में प्रोविडेंट फंडों की 40 फीसदी तक की हिस्सेदारी है. निजी रिटायरमेंट फंडों के लिए जोखिम अधिक है, क्योंकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मुताबिक उन्हें घाटे की भरपाई करनी होती है.

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