17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मेक इन इंडिया : सार्वजनिक खरीद मामले में देश में उत्पादित दवाओं को दी जायेगी तरजीह

नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को दवाओं की सार्वजनिक खरीद में घरेलू स्तर पर उत्पादित दवाओं को तरजीह देने की घोषणा की है. चालू वित्त वर्ष के दौरान दवाओं की सरकारी खरीद में कम से कम 75 फीसदी की खरीद स्थानीय अवयव वाली दवाओं की दी जायेगी, जबकि 2023-25 तक इसे बढ़ाकर 90 फीसदी […]

नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को दवाओं की सार्वजनिक खरीद में घरेलू स्तर पर उत्पादित दवाओं को तरजीह देने की घोषणा की है. चालू वित्त वर्ष के दौरान दवाओं की सरकारी खरीद में कम से कम 75 फीसदी की खरीद स्थानीय अवयव वाली दवाओं की दी जायेगी, जबकि 2023-25 तक इसे बढ़ाकर 90 फीसदी किया जायेगा.

औषिधि विभाग ने यह भी कहा कि यह देश में दवा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने की कोशिश है. साथ ही, जिन दवाओं का निर्माण भारत में नहीं होता है, उनमें भी कम से कम 10 फीसदी स्थानीय अवयव होने चाहिए. विभाग ने एक आदेश में कहा कि बाद में ऐसी दवाओं में स्थानीय अवयवों को बढ़ाकर 2019-21 में 15 फीसदी, 2021-23 में 20 फीसदी और 2023-25 तक 30 फीसदी किया जायेगा यानी कि 2023-25 तक जिन दवाओं को भारत में तैयार नहीं किया जाता है, उनकी सरकारी खरीद तभी होगी, जब उनमें 30 फीसदी स्थानीय अवयव होंगे.

इसी तरह, भारत में तैयार की गयी दवाओं की चालू वित्त वर्ष में सरकारी खरीद तब ही होगी, जब उनमें कम से कम 75 फीसदी स्थानीय अवयव होंगे. 2019-21 में यह 80 फीसदी, 2021-23 में 85 फीसदी और 2023-25 तक 90 फीसदी तक बढ़ाया जायेगा. दवा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग ने औषिधि विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें