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खरीफ एमएसपी से महंगाई बढ़ने के खतरे पर आरबीआइ और सरकार के अलग-अलग हैं तर्क

सरकार की ओर से आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि एमएसपी से महंगाई पर धीमी गति से असर होगावहीं, आरबीअाइ ने एमएसपी से खाद्य महंगाई और फिर सकल महंगाई बढ़ने की आशंका जतायीहै नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने महंगाई बढ़ने की रिजर्व बैंक की चिंता को दरकिनार करतेहुए आज कहा कि खरीफ की फसलों […]


सरकार की ओर से आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि एमएसपी से महंगाई पर धीमी गति से असर होगा
वहीं, आरबीअाइ ने एमएसपी से खाद्य महंगाई और फिर सकल महंगाई बढ़ने की आशंका जतायीहै

नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने महंगाई बढ़ने की रिजर्व बैंक की चिंता को दरकिनार करतेहुए आज कहा कि खरीफ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का मुद्रास्फीति पर असर धीरे-धीरे दिखेगा. आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुद्रास्फीति पर प्रभाव समय के साथ दिखेगा. इससे हमें लगता है कि यह मुद्रास्फीति के लिए उतना गंभीर जोखिम नहीं है.’ उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक नेबुधवार को अपनी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में इस चिंता को जताया है. मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के दायरे में बनाए रखने के लिए उसने रेपो दर में लगातार दूसरी बार 0.25% की बढ़ोत्तरी की है जिससे अब यह 6.50% होगयीहै.

रिजर्व बैंक ने अपने समीक्षा दस्तावेज में कहा है कि हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य में कीगयी वृद्धि का सीधा असर खाद्य मुद्रास्फीति पर पड़ेगा और इसके बाद मुख्यधारा की सकल मुद्रास्फीति को भी यह प्रभावित करेगी. दस्तावेज के अनुसार समर्थन मूल्य में यह वृद्धि हाल के वर्षों के औसत से कहीं अधिक है इसलिए यह चिंता का विषय है.

रिजर्व बैंक की टिप्पणी पर गर्ग ने कहा कि दस्तावेज में मुद्रास्फीति पर बात कीगयी है लेकिन ऐसा लगता है कि इसके हिसाब से वृद्धि में कोई बदलाव नहीं होगा. जबकि वास्तव में पहली तिमाही की मुद्रास्फीति बैंक के अनुमान से कम रही है. राजकोष प्रबंधन के मुद्दे पर गर्ग ने कहा कि यह सही रास्ते पर है और स्थिति संतोषजनक है.

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