नयी दिल्ली : देश में बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में 92 प्रतिशत हिस्सा मोटरसाइकिल व स्कूटर जैसे दुपहिया वाहनों का है. इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को उम्मीद है कि इस खंड की बढत फिलहाल बनी रहेगी. हालांकि केंद्र व राज्य सरकारों ने सार्वजनिक व सरकारी परिवहन बेडे में बिजली से चलने वाले बडे वाहनों की संख्या बढाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.
वर्ष 2016-17 में देश में कुल मिलाकर 38,966 इलेक्ट्रिक वाहन बिके. सोसायटी आफ मैन्युफेक्चर्स आफ इलेक्ट्रिक वीकल (एसएमईवी) का कहना है कि उक्त वाहनों में से 92 प्रतिशत दुपहिया व केवल आठ प्रतिशत चौपहिया वाहन रहे. विशेषज्ञों व कंपनियों का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में दुपहिया वाहनों का बडा हिस्सा आने वाले दिनों में भी बना रहेगा.
उल्लेखनीय है कि भारत को दुपहिया वाहनों का देश कहा जाता है. देश में हर महीने औसतन 17 लाख से अधिक दुपहिया वाहन बिकते हैं. इस अक्तूबर में 17,50,966 दुपहिया वाहन बिके जिनमें मोटरसाइकिल, स्कूटर व मोपेड शामिल हैं. एसएमईवी के निदेशक सोहिंदर गिल ने भाषा से कहा-भारत दुपहियों का देश है इसलिए आने वाले में जो इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन आएंगे उनको फायदा मिलेगा. यानी वे अन्य वाहनों की तुलना में बढ़त में रहेंगे.
उनके साथ कम लागत व आसान रखरखाव का फायदा भी जुड़ा हुआ है. केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों को बढावा देने के लिए सब्सिडी देती है. इसके अलावा राज्य सरकारों द्वारा अपने स्तर पर किए जा रहे प्रयास मायने रखते हैं. बीते वित्त वर्ष में गुजरात में कुल मिलाकर 4,330 इलेक्ट्रिक वाहन बिके और वह बिक्री संख्या में देश में पहले स्थान पर रहा. एसएमईवी के अतिरिक्त निदेशक मनु शर्मा के अनुसार इसकी बडी वजह प्रदेश सरकार द्वारा विशेषकर युवाओं में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढावा देने के प्रयास है.
प्रदेश सरकार छात्र छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी आदि खरीदने पर विशेष मदद वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है. भारत दुनिया का सबसे बडा दुपहिया बाजार है. शोध फर्म अर्नेस्ट एंड यंग ने हाल ही में एक रपट में कहा कि देश में इलेक्ट्रिक दुपहिया व तिपहिया वाहनों के लिए बडी संभावनाएं हैं और उम्मीद है कि लोग इस खंड में सबसे पहले इन्हीं वाहनों को अपनाएंगे.
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