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नोटबंदी के बाद 3,700 से अधिक मनी लांड्रिंग व फेमा मामलों की जांच कर रहा है प्रवर्तन निदेशालय

नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 3,700 से अधिक मनी लांड्रिंग और हवाला सौदों की जांच कर रहा है. इन मामलों से 9,935 करोड़ रुपये की संपत्ति जुड़ी है. गुरुवार को एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद काले धन के सृजन पर अपनी कार्रवाई के तहत इन […]

नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 3,700 से अधिक मनी लांड्रिंग और हवाला सौदों की जांच कर रहा है. इन मामलों से 9,935 करोड़ रुपये की संपत्ति जुड़ी है. गुरुवार को एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद काले धन के सृजन पर अपनी कार्रवाई के तहत इन मामलों की जांच कर रहा है.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन मामलों में जोखिम आकलन का भी काम किया है. पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद ये मामले दर्ज हुए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच में पाया कि ज्यादातर (43 प्रतिशत) वित्त अपराध बैंक धोखाधड़ी और वित्तीय संस्थानों को फर्जी या मुखौटा कंपनियों के जरिये चूना लगाकर किये जाते हैं.

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नोटबंदी के बाद वित्तीय अपराधों के तहत ईडी जिन अन्य श्रेणियों के मामलों की जांच कर रहा है उनमें भ्रष्टाचार (31 प्रतिशत), ड्रग्स एवं नारकोटिक्स व्यापार (6.5 प्रतिशत), हथियार और विस्फोटक (4.5 प्रतिशत) तथा अन्य (8.5 प्रतिशत) शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद मामलों की समीक्षा से यह पता चलता है कि कंपनियों तथा पेशेवरों ने एक दूसरे से सांठगाठ की और कालेधन को सफेद करने के लिए मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया.

प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक कर्नल सिंह ने कहा कि एजेंसी कालेधन की बुराई के खिलाफ काम करने को प्रतिबद्ध है. साथ ही हम अपने कामकाज में पेशेवर रुख भी लाना चाहते हैं. एजेंसी ने पिछले साल आठ नवंबर से इस साल सितंबर तक कुल 3,758 मामले दर्ज किये हैं, जिनकी जांच चल रही है. इनमें से 3,567 मामले विदेशी विनिमय कानून के तहत और 191 मामले मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत हैं. कुल 777 कारण बताओ नोटिस और कुर्की आदेश जारी किये हैं. 620 छापेमारी की कार्रवाई की गयी हैं.

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