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GST रिटर्न फाइल नहीं करने वाले लाखों कारोबारी सरकार के रडार पर, आज है फाइलिंग की आखिरी तारीख

नयी दिल्लीः मंगलवार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख है. सोमवार की शाम सात बजे तक करीब 39 लाख कारोबारी या कंपनियों ने अपना आखिरी जीएसटीआर-एक दाखिल कराया है. अब भी देश में करीब 14 लाख एेसे कारोबारी हैं, जिन्होंने जीएसटीआर-एक दाखिल नहीं किया है. बताया जा रहा है कि जिन […]

नयी दिल्लीः मंगलवार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख है. सोमवार की शाम सात बजे तक करीब 39 लाख कारोबारी या कंपनियों ने अपना आखिरी जीएसटीआर-एक दाखिल कराया है. अब भी देश में करीब 14 लाख एेसे कारोबारी हैं, जिन्होंने जीएसटीआर-एक दाखिल नहीं किया है. बताया जा रहा है कि जिन कारोबारियों ने अब तक जीएसटीआर-एक दाखिल नहीं कराया है, वह सरकार के रडार पर हैं. सरकार के सूत्रों का कहना है कि सरकार अब जीएसटीआर-एक रिटर्न दाखिल करने की आखिरी बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. एेसे में, जिन कारोबारियों ने अब तक जीएसटीआर-एक रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उन पर आयकर विभाग की आेर से कार्रवार्इ भी की जा सकती है.

इसे भी पढ़ेंः GST रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़ाकर 10 अक्तूबर की गयी

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, जीएसटी के रिटर्न उम्मीदों से कम दाखिल होने से चिंतित सरकार अब उन कारणों का पता लगाने में जुट गयी है, जिनके चलते शुरुआती दो महीनों में रिटर्न फाइलिंग धीमी रही. इसकी वजह से जीएसटीआर दाखिल नहीं करने वाले व्यापारी सरकार के रडार पर आ गये हैं. केंद्र और राज्यों के अधिकारी मिलकर इसका पता लगाने को एक सर्वेक्षण भी करेंगे. बताया यह भी जा रहा है कि सरकार को सर्वे करने की जरूरत इसलिए पड़ी है, क्योंकि जुलाई व अगस्त के लिए जीएसटीआर-3बी अपेक्षा के अनुरूप दाखिल नहीं हुए हैं. यही वजह है कि राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने तीन अक्टूबर को पत्र लिखकर सीबीईसी और राज्यों के कर आयुक्तों को एक प्रश्नावली भेजी है, ताकि कम जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के कारणों का पता लगाया जा सके.

25.24 लाख कारोबारी या कंपनियों ने नहीं भरा है जीएसटीआर-3बी

मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार, अगस्त में 68.20 लाख व्यापारियों को जीएसटीआर-3बी दाखिल करना था. एक अक्टूबर तक मात्र 42.96 लाख व्यापारियों ने ही जीएसटीआर-3बी जमा किया है. इस तरह अगस्त के लिए मात्र 63 प्रतिशत व्यापारियों ने ही यह जीएसटी रिटर्न दाखिल किया था. अगस्त के लिए जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर थी. जुलाई में 59.57 लाख व्यापारियों को जीएसटीआर-3बी भरने थे, लेकिन पहली अक्टूबर तक इसमें से 88.35 फीसदी ने ही इस रिटर्न को दाखिल किया. इसी तरह जुलाई के लिए जीएसटीआर-एक दाखिल करने की अंतिम तिथि बार-बार बढ़ाने के बावजूद एक अक्टूबर तक मात्र 55.37 फीसदी व्यापारियों ने ही इस रिटर्न को फाइल किया है. जीएसटीआर-एक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर है.

14 लाख कारोबारियों या कंपनियों को मंगलवार शाम तक जीएसटीआर भरने का निर्देश

वहीं, सरकार ने सोमवार को ही करीब 14 लाख इकाइयों से जुलाई महीने का जीएसटी का अंतिम रिटर्न मंगलवार तक दाखिल करने निर्देश दिया है. इसके साथ ही, सरकार ने यह साफ भी कर दिया है कि वह अंतिम रिटर्न दाखिल करने की 10 अक्टूबर की तारीख को और नहीं बढ़ायेगी. बताया जा रहा है कि सोमवार शाम सात बजे तक 39 लाख कंपनियों या कारोबारियों ने अपना अंतिम रिटर्न जीएसटीआर-एक जमा कराया था. कुल 53 लाख इकाइयों को जीएसटीआर-एक दाखिल करना है.

जीएसटीएन ने दिया खास निर्देश

जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने रिटर्न दाखिल न करने वाली इकाइयों को एसएमएस और ईमेल भेजकर दो बार रिटर्न दाखिल करने को कहा है. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि पहले ही दो महीने का विस्तार दिया जा चुका है. अब करदाताओं को जुलाई के लिए जीएसटीआर-एक रिटर्न दाखिल करने के लिए और विस्तार नहीं दिया जायेगा. मंत्रालय ने कहा कि ऐसे करदाता जिन्होंने जुलाई के लिए जीएसटीआर-एक दाखिल नहीं किया है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे तत्काल इसे दाखिल करें. कोई भी कारोबारी जैसे ही जीएसटीआर-एक रिटर्न 10 अक्तूबर तक दाखिल करता है, उसके खरीदार की जीएसटीआर-दो ए वाली प्रविष्टियां स्वत: ही सामने आ जायेंगी.

जरूरी होने पर जीएसटीआर-दो को दें अंतिम रूप

मंत्रालय ने कहा है कि खरीदार जरूरी होने पर अपने जीएसटीआर-दो को संशोधन के बाद अंतिम रूप दें और इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) की सुविधा लें. यदि करदाता 10 अक्टूबर तक जीएसटीआर-एक दाखिल नहीं करते हैं, तो खरीदार को आईटीसी लेने में दिक्कत आ सकती है. मंत्रालय ने कहा है कि वस्तु अथवा सेवाओं के सभी आपूर्तिकर्ता विशेषतौर से बिजनेस से बिजनेस खरीदारी करने वाले अपनी बिक्री के ब्यौरे को जीएसटीआर-एक में भरकर तय तिथि में भेज दें, ताकि उनके खरीदार को इनपुट क्रेडिट में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.

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