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इस वजह से सोने से लदे रहते थे दिग्गज संगीतकार बप्पी लाहिड़ी, इंटरव्यू में खुद किया था खुलासा

दिग्गज गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri death) का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया है. वह 69 वर्ष के थे.

दिग्गज गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri death) का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया है. वह 69 वर्ष के थे. उनका इलाज कर रहे डॉक्टर डॉ दीपक नामजोशी ने पीटीआई को बताया कि, “लाहिड़ी को एक महीने पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को छुट्टी दे दी गई थी. लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को अपने घर बुलाया. उन्हें अस्पताल लाया गया. उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं.”

इस वजह से हुआ निधन

डॉ दीपक नामजोशी ने मौत का कारण ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया भी बताया. उन्होंने कहा, “मध्यरात्रि से कुछ समय पहले ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) के कारण उनका निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ कई है. सेलेब्स और उनके प्रशंसक सोशल मीडिया के माध्यम से दुख प्रकट कर रहे हैं और अपने फेवरेट संगीतकार को श्रद्धाजंलि दे रहे हैं.

इस वजह से सोने से लदे रहते थे बप्पी दा

बप्पी लाहिड़ी को सोने के गहनों से बेहद लगाव था. अपनी गायकी के अलावा वो अपने सोने की के गहनों की वजह से भी जाने जाते थे. दरअसल इसकी वजह थी वे हॉलीवुड गायक एल्विस प्रेस्ली से प्रभावित हैं, जिन्हें गहनों का भी बहुत शौक था. एक इंटरव्यू में बप्पी दा ने शेयर किया था, ”एल्विस प्रेस्ली सोने की चेन पहनते थे और मुझे यह बहुत पसंद आया. उस समय मैं सोचता था कि जब मैं एक सफल व्यक्ति बनूंगा तो अपनी एक अलग छवि बना लूंगा. और जब मुझे सफलता मिली, तो मैं वह सारा सोना खरीदने में सक्षम था। सोना मेरे लिए लकी है.”

ये था बप्पी लाहिड़ी का आखिरी गाना

बॉलीवुड फिल्म के लिए उनका आखिरी गाना ‘भंकस’ था जो टाइगर श्रॉफ और श्रद्धा कपूर-स्टारर ‘बाघी 3’ के साउंडट्रैक का एक हिस्सा था. पिछले साल, संगीतकार को कोविड -19 का पता चलने के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि वो जल्दी ठीक हो गये थे और जल्द ही उन्हें छुट्टी दे दी गई थी.

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3 साल की उम्र से बजाते थे तबला

ऐसा कहा जाता है कि बप्पी ने 3 साल की छोटी उम्र में भारतीय वाद्य यंत्र तबला बजाना शुरू कर दिया था. 17 साल की उम्र तक उन्होंने संगीत इंडस्ट्री में इंट्री करने का फैसला कर लिया था. बप्पी बॉलीवुड म्यूजिक आइकन एसडी बर्मन से काफी प्रेरित थे. उन्होंने संगीत इंडस्ट्री में 1972 में इंट्री किया जब उन्होंने बंगाली फिल्म दादू का संगीत तैयार किया. फिर 1973 में बप्पी ने फिल्म निन्हा शिकारी में अपना पहला हिंदी गाना दिया. वह ताहिर हुसैन की फिल्म ज़ख्मी से प्रसिद्धि के लिए बढ़े और उसके बाद उनका नाम पड़ा. बप्पी ने हिंदी फिल्म उद्योग में प्रवेश करके लोगों के संगीत स्वाद को बदल दिया. बप्पी ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में डिस्को डांसर, डांस-डांस, शराबी, नमक हलाल जैसे शानदार गाने दिए. एक प्रसिद्ध गायक, संगीत निर्देशक, रिकॉर्डिंग निर्माता होने के अलावा, उन्होंने कुछ फिल्मों में एक्टर के तौर पर भी काम किया है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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