Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव के इस बार के रण में विरासत और राजनीतिक रसूख दोनों साथ-साथ नजर आ रहे हैं. प्रदेश की राजनीति में अपनी पहचान छोड़ चुके आठ पूर्व मुख्यमंत्रियों के दस रिश्तेदार इस बार चुनावी मैदान में हैं. ये सभी अपने-अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के इरादे से मैदान में उतरे हैं. मधुबनी, वैशाली, जमुई, गया, सारण, बेगूसराय, पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर जैसे आठ जिलों की दस सीटों पर इनकी दावेदारी से मुकाबला हाईप्रोफाइल हो गया है.
दारोगा प्रसाद राय की पोती डॉ. करिश्मा राय भी लड़ रहीं चुनाव
इन दस दावेदारों में दो महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं, जो पहली बार चुनावी मैदान में कदम रख रही हैं. इनमें एक हैं पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती डॉ. करिश्मा राय, जो सारण जिले की परसा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि करिश्मा राय, तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हैं. वहीं दूसरी महिला प्रत्याशी हैं डॉ. जागृति ठाकुर, जो जननायक कर्पूरी ठाकुर की पोती और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर की भतीजी हैं. वे मोरवा (समस्तीपुर) से जन सुराज पार्टी की उम्मीदवार हैं. दोनों युवा उम्मीदवार अपनी पारिवारिक राजनीतिक पहचान के साथ नई सोच की झलक भी पेश कर रही हैं.
जीतन राम मांझी के परिवार से सबसे अधिक सदस्य चुनावी मैदान में
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के परिवार से सबसे अधिक सदस्य चुनावी मैदान में हैं. मांझी के तीन रिश्तेदार इस बार हम पार्टी से अलग-अलग सीटों से प्रत्याशी बने हैं. उनकी समधन ज्योति मांझी गया जिले की बाराचट्टी सीट, बहू दीपा मांझी इमामगंज सीट और दामाद प्रफुल्ल मांझी सिकंदरा (जमुई) सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. मांझी परिवार का यह चुनावी नेटवर्क गया और जमुई जिलों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
सतीश प्रसाद सिंह के पुत्र सुशील कुमार सिंह भी चुनावी रेस में
इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के पुत्र सुशील कुमार सिंह भी इस बार चुनावी रेस में हैं. वे बेगूसराय जिले की चेरिया बरियारपुर सीट से राजद के प्रत्याशी हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पोते शाश्वत केदार पांडेय नरकटियागंज (प. चंपारण) से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. शाश्वत इससे पहले लोकसभा चुनाव में वाल्मीकिनगर सीट से कांग्रेस टिकट पर किस्मत आजमा चुके हैं. उनके पिता मनोज पांडेय बेतिया से सांसद रह चुके हैं, जिससे उनके परिवार की राजनीति में मजबूत जड़ें हैं.
जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा भी मैदान में
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा झंझारपुर सीट (मधुबनी) से भाजपा के प्रत्याशी हैं. झंझारपुर वही विधानसभा सीट है, जिसका प्रतिनिधित्व कभी जगन्नाथ मिश्र ने किया था और वहीं से वे तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. नीतीश मिश्रा पहले ही तीन बार विधायक रह चुके हैं और अब फिर से अपनी सीट बचाने के लिए जोर आजमा रहे हैं. वहीं जाले सीट से जगन्नाथ मिश्रा के भतीजा ऋषि मिश्रा राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
हाईप्रोफाइल सूची में लालू-राबड़ी के दोनों पुत्र शामिल
इस हाईप्रोफाइल सूची में लालू-राबड़ी के दोनों पुत्र भी शामिल हैं, जो इस बार अलग-अलग दलों से आमने-सामने हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव वैशाली जिले की राघोपुर सीट से राजद प्रत्याशी हैं, जबकि उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के टिकट पर महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इन दोनों सीटों पर न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश की निगाहें टिकी हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार बिहार का चुनाव सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि विरासत और पहचान की लड़ाई बन गया है. जहां पुराने मुख्यमंत्रियों के घराने अपनी राजनीतिक विरासत को नए सिरे से परिभाषित करने की कोशिश में हैं.

