Dularchand Murder case: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है. 30 अक्टूबर को घोसवरी-भदौर थाना क्षेत्र की सीमा पर जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी और जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के काफिलों में हुई भिड़ंत ने हिंसक रूप ले लिया. इस दौरान 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की मौत हो गई. इसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया.
पुलिस ने क्या बताया
पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात खारिज हुई है और मौत वाहन से कुचलने के कारण बताई गई है. विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब दोनों प्रत्याशियों के समर्थक एक संकरे रास्ते से गुजर रहे थे. रास्ता देने को लेकर कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते पथराव और तोड़फोड़ में बदल गई. इस झड़प में कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए और दर्जनों लोग घायल हो गए.
80 से ज्यादा गिरफ्तार
घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अनंत सिंह, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम उर्फ दिमागी को गिरफ्तार किया. तीनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. मृतक के परिजनों और दोनों दलों के समर्थकों की ओर से एक-दूसरे पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. अब तक लगभग 80 संदिग्धों से पूछताछ हो चुकी है और कई वाहनों की जांच जारी है.
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कार्तिकेय शर्मा ने क्या बताया
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. सीएपीएफ की 13 कंपनियां, एसटीएफ की दो यूनिट और क्यूआरटी की चार टीमों को तैनात किया गया है. साथ ही भदौर और घोसवरी थानाध्यक्षों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. अनंत सिंह, पियूष प्रियदर्शी और राजद प्रत्याशी वीणा देवी को अतिरिक्त सुरक्षा दी गई है.
गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सत्यमेव जयते… अब चुनाव मोकामा की जनता लड़ेगी.” इस घटना ने न सिर्फ मोकामा बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है, जहां चुनावी जंग अब सियासत से ज्यादा साख की बन चुकी है.
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