Rohini Acharya Leaves Party and Family: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की जीत के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की बड़ी जीत को लेकर जेडीयू और भाजपा नेताओं ने इसे जनता के विश्वास का परिणाम बताया है. जेडीयू नेता श्वेता गुप्ता ने कहा कि यह जनादेश साबित करता है कि लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर भरोसा करते हैं. उन्होंने कहा, “हमारे नेता पहले भी नीतीश कुमार थे और आज भी वही हैं. जनता ने उनके काम पर मुहर लगाई है.”
क्या है पूरा मामला ?
इसी बीच आरजेडी में बड़ा राजनीतिक भूचाल या गया है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से दूरी बनाने की घोषणा कर दी. चुनाव में आरजेडी को महज 25 सीटें मिलने के बाद रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह राजनीति से संन्यास ले रही हैं और अपने परिवार से “डिसओन” कर रही हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा करने के लिए उन्हें आरजेडी सांसद संजय यादव और उनके सहयोगी रामीज ने कहा था. रोहिणी ने कहा, “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और परिवार से दूरी बना रही हूं. संजय यादव और रामीज ने मुझसे ऐसा करने के लिए कहा था. मैं सारी जिम्मेदारी ले रही हूं.”
जदयू नेता ने क्या कहा ?
जेडीयू नेता श्वेता गुप्ता ने रोहिणी आचार्य के इस कदम पर कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान आरजेडी के किए गए वादे झूठे साबित हुए और ऐसी स्थिति पहले से ही स्पष्ट थी.
भाजपा नेताओं ने क्या कहा ?
भाजपा नेता रामकृपाल यादव ने मामले को पूरी तरह पारिवारिक विवाद बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार किया. उन्होंने कहा, “यह उनका पारिवारिक मामला है. जो कुछ हो रहा है, सबके सामने है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.” राजद नेता रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने के फैसले के मामले में संजीव चौरसिया ने कहा, “पारिवारिक झगड़े सतह पर आने लगे हैं, इसलिए अब उन्हें इसके लिए जवाब देना होगा.”

