Bihar NDA Seat Sharing: बिहार चुनाव की तारीख नजदीक है लेकिन अभी तक महागठबंधन और एनडीए में सीट शेयरिंग पर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. इसी बीच बीजेपी नेता हरि मांझी का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पोस्ट में उन्होंने कहा है कि मुझे सूचना मिली है कि बोधगया की सीट एनडीए गठबंधन के शामिल लोजपा के खाते में जा रही है. मैं इस निर्णय का पूरा सम्मान करता हूं.
हरि मांझी बोले- मैं पार्टी का वफादार सिपाही था, हूं और हमेशा रहूंगा
हरि मांझी ने लिखा, “मुझे सूचना प्राप्त हुई की बोधगया विधानसभा सीट इस बार एनडीए गठबंधन में लोजपा के खाते में जा रही है. यह गठबंधन की सामूहिक रणनीति और संगठन के निर्णय का परिणाम है, जिसका मैं पूर्ण सम्मान करता हूं. मुझे याद है कि 2019 में जब गया जी संसदीय सीट जदयू के हिस्से में आई थी, तब भी मैंने तन, मन और लगन से पार्टी के लिए कार्य किया और उस सीट को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.”
उन्होंने आगे लिखा, “2024 के लोकसभा चुनाव में भी जब हम पार्टी को यह सीट मिली, तब भी मैंने उसी समर्पण के साथ पार्टी के पक्ष में कार्य किया और विजयी होने में योगदान दिया. आज जब बोधगया विधानसभा सीट मुझे नहीं मिल रही तब भी मेरा संकल्प वही है, मैं संगठन और पार्टी के आदेश को सर्वोपरि मानते हुए एक कर्मठ और अनुशासित कार्यकर्ता की तरह मैदान में रहूंगा.”
टिकट पाना मेरा लक्ष्य नहीं- मांझी
पूर्व बीजेपी एमपी ने पोस्ट में लिखा, “मेरा उद्देश्य केवल टिकट पाना नहीं है, बल्कि पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना और विजय पताका फहराना है. मुझे गर्व है कि मैं पार्टी का वफादार सिपाही था, हूं और हमेशा रहूंगा. बोधगया की धरती पर एनडीए की विजय श्री अवश्य स्थापित होगी – यही मेरा संकल्प है, यही मेरी प्रतिबद्धता है.”
चुनाव लड़ने की तैयारी में थे हरि मांझी
हरि मांझी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बोधगया से लड़ने की तैयारी कर रहे थे. लोकसभा चुनाव 2019 में उन्हें गया से टिकट नहीं मिला तो 2020 में बोधगया विधानसभा से लड़ाया गया. राजद के सर्वजीत कुमार ने टफ मुकाबले में हरि मांझी को लगभग चार हजार वोटों से हरा दिया. हार के बाद भी वो लगातार पार्टी के लिए काम करते रहे. इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें 2025 का विधानसभा चुनाव बोधगया से लड़ाएगी.
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लगातार दो बाद इस सीट पर जीत चुकी है आरजेडी
बोधगया विधानसभा सीट पर 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को जीत मिली थी. 2015 के चुनाव में जब महागठबंधन में लालू यादव और नीतीश कुमार साथ आये तब उस चुनाव में कुमार सर्वजीत ने राजद उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की. 2020 के विधानसभा चुनाव में कुमार सर्वजीत ने फिर से राजद के टिकट पर जीत दर्ज की.
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