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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने राज्य में 62,000 करोड़ रुपए के बिजली घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. सिंह ने दावा किया कि यह घोटाला बिहार सरकार के बिजली विभाग और अदाणी समूह के बीच हुए बिजली खरीद समझौते से जुड़ा है, जिसमें “राज्य की जनता के साथ बड़ा धोखा” हुआ है.
आरके सिंह का आरोप- अदाणी समूह के साथ बिजली खरीदने का करार अनुचित दरों पर
आरके सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने अदाणी समूह के साथ बिजली खरीदने का करार अनुचित दरों पर किया है. उनके मुताबिक, “थर्मल प्लांट की फिक्स कॉस्ट प्रति मेगावॉट करीब 10 करोड़ रुपए है. ऐसे में बिजली की दर 2.75 रुपए प्रति यूनिट होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने 4.16 रुपए प्रति यूनिट पर खरीद का समझौता किया.” उन्होंने आरोप लगाया कि यह सौदा “बिहार के कुछ प्रभावशाली मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से” हुआ है.
‘सरकार ने जिस निवेश की बात कही थी, वह आंकड़ों में गड़बड़…’
भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि जिस जमीन पर अदाणी समूह को परियोजना के लिए अनुमति दी गई, वह बाजार दर से कई गुना सस्ती दी गई है. उन्होंने कहा कि “सरकार ने जिस निवेश की बात कही थी, वह आंकड़ों में गड़बड़ है. असल लागत और घोषित निवेश में भारी अंतर है.”
विपक्ष की क्या है प्रतिक्रिया?
आरके सिंह के इन आरोपों के बाद सियासी बवाल मच गया है. विपक्ष ने इसे “घोटाले का खुला सबूत” बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर आरके सिंह का वीडियो साझा करते हुए लिखा – “62,000 करोड़ का बिजली घोटाला सामने है, लेकिन प्रधानमंत्री खामोश हैं. क्या यही पारदर्शिता है?”
जयराम रमेश ने कहा- केवल आरके सिंह ही सच बोलने की हिम्मत दिखा रहे हैं
वहीं जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा, “एनडीए में अब केवल आरके सिंह ही सच बोलने की हिम्मत दिखा रहे हैं.” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव से ठीक पहले सामने आए इस विवाद ने एनडीए के अंदर भी असहज स्थिति पैदा कर दी है. आरके सिंह न सिर्फ एनडीए के वरिष्ठ चेहरों में से एक रहे हैं, बल्कि उनका बयान गठबंधन की अंदरूनी खींचतान का संकेत भी दे रहा है.

