Bihar Politics: आगामी चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है और इसी कड़ी में राहुल गांधी के प्रस्तावित बिहार दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस और राजद पर तीखे वार किए हैं. बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अलग-अलग मंचों से विपक्षी दलों पर आरोपों की झड़ी लगा दी.
दिलीप जायसवाल ने क्या कहा ?
पटना में मीडिया से बात करते हुए बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी के दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा, “राहुल गांधी को अब जीवित लोग दिखाई कम पड़ते हैं, इसलिए वे मृत लोगों की तलाश कर रहे हैं.” जायसवाल ने कहा कि बिहार में चल रही मतदाता सूची की जांच (SIR प्रक्रिया) को लेकर विपक्ष बेवजह भ्रम फैला रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग ने 1 सितंबर तक का समय दिया है, ताकि जिन मतदाताओं को किसी भी प्रकार की समस्या हो, वे आपत्ति दर्ज कर सकें या सुधार करा सकें. जायसवाल ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा, “भ्रम का जाल फैलाने से अच्छा है कि आप उन मतदाताओं से कहें कि वे समय रहते चुनाव आयोग के पोर्टल पर अपना सुधार करवा लें.”
नित्यानंद राय ने क्या कहा ?
उधर, समस्तीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कांग्रेस और राजद दोनों पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता ने इन दोनों दलों को पहले ही नकार दिया है और अब इनके पास सत्ता में लौटने का कोई मौका नहीं है. राय ने कहा, “कांग्रेस और राजद का सफाया होना तय है.” तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “तेजस्वी सत्ता के इतने लालची, परिवारवादी और भ्रष्ट हैं कि कांग्रेस द्वारा बार-बार अपमानित होने के बावजूद वे सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठकर उसके गुण गा रहे हैं.” राय ने आगे कहा कि बिहार की जनता अब विकास और सुशासन चाहती है, न कि जातिवाद और परिवारवाद पर आधारित राजनीति.
गरमाई है मौजूदा सियासत
दोनों नेताओं के बयान स्पष्ट संकेत देते हैं कि भाजपा विपक्षी गठबंधन को जनता के सामने कमजोर और अवसरवादी साबित करने की रणनीति पर काम कर रही है. भाजपा नेताओं का मानना है कि SIR प्रक्रिया पर विपक्ष के उठाए जा रहे सवाल सिर्फ भ्रम फैलाने के प्रयास हैं, जबकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट समयसीमा और प्रक्रिया तय कर रखी है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राहुल गांधी के बिहार दौरे और उनकी ‘वोट अधिकार यात्रा’ को भाजपा शुरू से ही निशाने पर ले रही है. भाजपा इसे विपक्ष की “जनाधार खोने की हताशा” के रूप में पेश कर रही है, जबकि कांग्रेस और राजद इसे जनता से सीधा संवाद स्थापित करने का अवसर मान रहे हैं.
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बिहार में बयानबाजी हुई तेज
आने वाले दिनों में राहुल गांधी के दौरे के दौरान भाजपा और विपक्षी दलों के बीच शब्दों के और तेज वार-पलटवार देखने को मिल सकता है. मौजूदा बयानबाजी ये साफ कर रही है कि बिहार का राजनीतिक पारा फिलहाल चुनाव से पहले ही उबाल पर है और मतदाता सूची जैसे तकनीकी मुद्दे भी अब सियासी हथियार में बदल गए हैं.

