Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले गया की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम ने कहा कि लालटेन वाले कुछ नेता जेल से बेल पर हैं, तो कुछ नौकरी के बदले जमीन लेकर अदालत के चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोग भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
मोदी के इस बयान से विपक्ष आगबबूला हो गया. राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री पर तीखी टिप्पणी की. इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लालू परिवार पर करारा हमला बोला.
ललन सिंह का पलटवार
ललन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- “पूरा परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त है. पिता जेल जाते हैं, बेल पर छूटकर हाथी पर सवार होकर निकलते हैं. चारा खाने वाले भी खुद को स्वतंत्रता सेनानी बताते हैं. बेटा होश संभालते ही नौकरी के बदले जमीन लिखवाकर गरीबों का खून चूसने लगा. मोदी सरकार ने इन्हें पकड़ लिया. भ्रष्टाचारी नेताओं का बौखलाना लाजिमी है, क्योंकि प्रधान कोतवाल डंडा लेकर खड़ा है.”

चुनावी जंग में आरोप-प्रत्यारोप
बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच जुबानी जंग और तेज होती जा रही है. राजद और कांग्रेस जहां एसआईआर का मुद्दा उठाकर केंद्र और एनडीए सरकार पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं. वहीं एनडीए लगातार लालू परिवार पर भ्रष्टाचार और जमीन के बदले नौकरी घोटाले को लेकर हमला बोल रहा है.
लालू-तेजस्वी को लिया निशाने पर
पीएम मोदी ने सभा में कहा कि बिहार को विकास की राह पर आगे बढ़ाना है तो राज्य को राजद और कांग्रेस की बुरी नजर से बचाना होगा. उन्होंने दोहराया कि “कुछ लोग जेल से बेल पर हैं और कुछ अदालत का चक्कर काट रहे हैं.” ललन सिंह ने इस बयान को और आगे बढ़ाते हुए लालू-तेजस्वी परिवार को सीधे निशाने पर ले लिया.
क्या है सियासी असर?
एनडीए जहां भ्रष्टाचार के मुद्दे को बड़ा चुनावी हथियार बना रही है, वहीं महागठबंधन एसआईआर और कथित वोट चोरी पर जनता को लामबंद करने की कोशिश कर रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी और ललन सिंह के बयानों का सीधा असर चुनावी हवा पर पड़ेगा. अब देखना होगा कि लालू परिवार और राजद नेतृत्व इस हमले का क्या जवाब देते हैं और जनता किस पर भरोसा जताती है.

