Prashant Kishor Wife: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इस बार मैदान में जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (पीके) भी होंगे. लंबे समय से पदयात्रा और जन संवाद के जरिए जनता से सीधे जुड़ने वाले पीके अब अपने परिवार को भी धीरे-धीरे सार्वजनिक मंच पर लेकर आने लगे हैं. इसी कड़ी में उनकी पत्नी जाह्नवी दास भी चर्चाओं में हैं, जिनकी भूमिका आगामी चुनाव में अहम हो सकती है.
पहली बार सार्वजनिक परिचय
पिछले साल पटना में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर ने पहली बार अपनी पत्नी को मीडिया और जनता के सामने पेश किया. इस कार्यक्रम में उनकी पत्नी जाह्नवी दास ने भी महिलाओं के साथ बातचीत की. तब से ही जाह्नवी की सियासी भूमिका को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं.

कौन हैं जाह्नवी दास?
जाह्नवी दास मूल रूप से असम के गुवाहाटी की रहने वाली हैं. पेशे से डॉक्टर रहीं जाह्नवी ने लंबे समय तक हेल्थ सेक्टर में काम किया है. वे कई अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का हिस्सा भी रहीं. इसी दौरान प्रशांत किशोर से उनकी मुलाकात हुई, जब पीके संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक हेल्थ प्रोग्राम से जुड़े हुए थे. मुलाकात दोस्ती में बदली और फिर दोनों ने शादी कर ली.
परिवार और निजी जीवन
फिलहाल जाह्नवी दास ने डॉक्टरी की प्रैक्टिस छोड़ दी है और परिवार पर ध्यान दे रही हैं. पीके और जाह्नवी का एक बेटा है, जो 8वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है. एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने बताया था कि उनकी पत्नी बेहद सपोर्टिव हैं. पीके ने मजाकिया अंदाज में कहा था- “मैं हार्ड वर्क करता हूं और मेरी पत्नी स्मार्ट वर्क करती हैं.”

क्या निभाएंगी चुनावी भूमिका?
अब जबकि जन सुराज पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, तो जाह्नवी दास राजनीति में कितना एक्टिव रहती हैं इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं. भले ही वे अब तक राजनीति से दूर रही हों, लेकिन महिला वोटरों को साधने की रणनीति में वे अहम चेहरा बन सकती हैं. पीके की पदयात्रा और संवाद कार्यक्रमों से महिला वर्ग में पहले से ही दिलचस्पी देखी गई है. जाह्नवी अगर कैंपेनिंग में उतरीं तो यह जन सुराज पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक हथियार साबित हो सकता है.
जाह्नवी दास से PK की पार्टी को कैसे मिल सकता है फायदा?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रशांत किशोर जहां अपनी रणनीति और अभियानों से बिहार की राजनीति में नई इबारत लिखने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं उनकी पत्नी जाह्नवी दास अगर फील्ड में एक्टिव होती हैं तो इस जंग को और दिलचस्प बना सकती है. चुनावी समीकरणों के बीच उनकी एंट्री महिला वोटरों को प्रभावित कर सकती है और जन सुराज पार्टी को नई ताकत दे सकती है.

