Bihar Elections 2025: बिहार में कोई ऐसी सीट नहीं है जहां कभी न कभी राष्ट्रीय जनता दल ने चुनाव नहीं जीता है. अगर आप भी यही सोचते हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं क्योंकि यहां एक ऐसी भी सीट है जहां राजद का आज तक खाता नहीं खुला है. यहां तक की जब राजद प्रमुख लालू यादव अपने राजनीति के सबसे ऊंचे पायदान पर खड़े थे, उस वक्त भी इस सीट पर उन्हें यह जीत नहीं मिली. यह सीट नालंदा जिले की अस्थावां है. जो जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से लगभग 11 किलोमीटर पूर्व में है.
1951 में बनी थी ये सीट
राजनीतिक इतिहास की बात करें तो अस्थावां विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी. यह नालंदा लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जिसमें अस्थावां, बिंद और सरमेरा प्रखंड व बरबीघा प्रखंड का एक भाग शामिल है. अब तक इस सीट पर 18 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2001 का उपचुनाव भी शामिल है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो नालंदा जिले से ही आते हैं, का इस सीट पर गहरा प्रभाव रहा है.
2001 से JDU का जलवा बरकरार
2001 के बाद से जदयू या उसकी पूर्ववर्ती पार्टी समता पार्टी ने यहां लगातार छह बार जीत दर्ज की है. दिलचस्प बात यह है कि 1985 से 2000 तक यहां निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा रहा. उन्होंने चार बार लगातार और कुल पांच बार जीत हासिल की. अब तक इस सीट पर कांग्रेस चार बार, जनता पार्टी दो बार और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी एक बार जीत चुकी है. जबकि भाजपा और राजद जैसी बड़ी पार्टियां अब तक यहां अपना खास प्रभाव नहीं बना सकी हैं. राजद को इस सीट पर पहली जीत का इंतजार है.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
तीनों प्रमुख दलों ने इन्हें बनाया है उम्मीदवार
विधानसभा चुनाव में नालंदा जिले की अस्थावां विधानसभा सीट एक बार फिर से राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनी हुई है. यहां जदयू ने जितेंद्र कुमार, राजद ने रवि रंजन कुमार और जन स्वराज पार्टी ने लता सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है.
इसे भी पढ़ें: Bihar Elections 2025: ‘हम राजनीति में झाल बजाने नहीं आए’, शरद यादव के बेटे ने तेजस्वी के खिलाफ खोला मोर्चा
.

