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Bihar Election 2025: सोनबरसा सीट को लेकर फंस गया पेंच! JDU-LJP(R) आमने-सामने

Bihar Election 2025: एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है. अब जदयू और लोजपा-आर आमने सामने है. सोनबरसा सीट को लेकर दोनों पार्टियों का दावा है. एक तरफ जदयू ने सीटिंग विधायक को सिंबल दे दिया है तो दूसरी तरफ यह सीट बंटवारे में लोजपा-आर के खाते में चली गयी है. जानिए सोनबरसा सीट और उस पर फंसे पेंच के बारे में…

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज है. सीट शेयरिंग को लेकर बीते कुछ दिनों से जारी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रहा. दोनों ही खेमों में सभी सहयोगी दल पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं. एक तरफ एनडीए ने सीट बंटवारे का फॉर्मुला शेयर कर दिया है. तो दूसरी तरफ महागठबंधन में अब भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, एनडीए में भी सबकुछ ठीक नहीं लग रहा. सूत्रों के अनुसार, सीएम नीतीश ही इस बार खफा बताए जा रहे हैं. कई सीटों पर पेंच फंस गया है. इसी तरह एक सीट की काफी चर्चा हो रही है, जो है सहरसा जिले का सोनबरसा विधानसभा सीट. इस सीट पर जदयू और लोजपा-आर दोनों आमने-सामने हो गयी है. 

जदयू ने मंत्री रत्नेश सदा को दिया सिंबल

दरअसल, सोनबरसा सीट का मामला सुर्खियों में इसलिए है, क्योंकि यहां से जदयू विधायक और मंत्री रत्नेश सदा को पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है, जबकि इस सीट को जब NDA ने सीट शेयरिंग की लिस्ट साझा की में LJP (R) के खाते में बताया जा रहा था. इसी बीच सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को खुद रत्नेश सदा को पार्टी सिंबल देकर यह साफ संदेश दिया कि जदयू अपने निर्णयों पर अडिग है. चर्चा है कि रत्नेश सदा आज यानी मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे. अब इस सीट पर टकराव की स्थिति बन गयी है. जदयू इस सीट को अपने खाते में रखना चाहती है. 

आइए, अब आपको सोनबरसा सीट के बारे में विस्तार से बताते हैं…

सोनबरसा विधानसभा सीट बिहार के सहरसा जिले में स्थित अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है, और यह कोसी क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में आती है. इस सीट का जातीय समीकरण मुख्य रूप से अनुसूचित जातियों के इर्द-गिर्द केंद्रित है, लेकिन अन्य जातियों की भी संख्या अच्छी है.

जातीय संरचना

  • अनुसूचित जाति (SC): सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की हिस्सेदारी लगभग 20.3% है. यह सीट SC आरक्षित है, जिस कारण से यहां की मुख्य निर्णायक शक्ति दलित-वोटर ही हैं.
  • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): यादव, कुर्मी, कोयरी, आदि समेत अन्य पिछड़ी जातियां भी बड़ी संख्या में निवास करती हैं, लेकिन इनकी संख्या SC से कम है.
  • सवर्ण (Upper Castes): ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार आदि की मौजूदगी सीमित है, वे यहाँ निर्णायक भूमिका में नहीं रहते.
  • मुस्लिम समुदाय: आबादी में करीब 8% भाग मुसलमानों का है, जिनका असर स्थानीय चुनावों पर देखने को मिलता है.
  • अनुसूचित जनजाति (ST): इनकी संख्या केवल 1.3% के आसपास है, चुनावी समीकरण में इनका प्रभाव सीमित है.

जनसंख्या और मतदाता वर्ग

  • कुल वोटर: 2025 के चुनाव में कुल 3,18,427 मतदाता हैं, जिनमें पुरुष वोटर 1,64,828 और महिला वोटरों की संख्या 1,53,595 है.
  • अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है, जिससे सामाजिक समीकरण और मुद्दों पर जातिगत पहचान स्पष्ट तौर पर उभरती है.

जातीय समीकरण के लिहाज से सोनबरसा विधानसभा में निर्णायक मत अनुसूचित जाति समुदाय के होते हैं, जबकि मुस्लिम और ओबीसी मतदाता यहां की राजनीति को बैलेंस करने का काम करते हैं.

तीन बार से लगातार विधायक हैं रत्नेश सदा

  • 2010, 2015, 2020: रत्नेश सदा (जेडीयू) — 2010 से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं।​
  • 2005: हरीभूषण ठाकुर (निर्दलीय)
  • 2000: डॉ. शकील अहमद (कांग्रेस)​
  • 1995: रामचंद्र यादव (सीपीआई)
  • 1990: शकील अहमद (कांग्रेस)
  • 1985: साकिल अहमद (कांग्रेस)
  • 1980, 1977: राजकुमार पुरबे (सीपीआई)

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Aniket Kumar
Aniket Kumar
अनिकेत बीते 4 सालों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं. राजस्थान पत्रिका और न्यूजट्रैक जैसे मीडिया संस्थान के साथ काम करने का अनुभव. हाईपरलोकल और राजनीति की खबरों से अधिक जुड़ाव. वर्तमान में प्रभात खबर की डिजिटल टीम के साथ कार्यरत.

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