Bihar Election 2025: एनडीए ने रविवार देर शाम सीट बंटवारे के मामले को क्लियर कर दिया. घोषणा करते हुए बताया कि इस बार जदयू और बीजेपी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और चिराग की पार्टी को 29 सीटें दी गयी हैं. वहीं मांझी और कुशवाहा को 6-6 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. इस बार की सीट शेयरिंग में चिराग पासवान ने सबको चौंका दिया है. वो NDA के सबसे बड़े बार्गेनर बनकर उभरे हैं. पिछली बार यानी 2020 के चुनाव में चिराग NDA से बाहर थे और नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
2020 के चुनाव में चिराग ने जदयू का कराया था नुकसान
चिराग ने 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, भले ही एक ही सीट जीत पाए, लेकिन जदयू को करीब 30 सीटों का नुकसान करा दिया था. इस बार जब चिराग NDA में लौटे तो सीएम नीतीश ने दूरी बनाए रखी और कहा कि चिराग कितनी सीटों पर लड़ेंगे, ये उनकी समस्या है. इसके बाद कई दिनों तक सीटों को लेकर रस्साकशी चलती रही. लेकिन, आखिर में चिराग अपनी जिद पर टिके रहे और अपनी पसंद की सीटें और संख्या दोनों हासिल कर लीं.
बिहार में चिराग दलितों के बड़े नेता
राजनीतिक पंडितों के अनुसार, अब चिराग पासवान NDA के सबसे बड़े दलित चेहरा बन गए हैं. बिहार में दलितों की आबादी करीब 19% है, और चिराग को हर चुनाव में औसतन 6% वोट मिलता है. 2014 से अब तक उनका लोकसभा स्ट्राइक रेट 100% रहा है. वहीं इस बार जीतन राम मांझी का कद घटता दिखा. मांझी 20 से 22 सीटों की मांग कर रहे थे, फिर 15 पर अड़े रहे, लेकिन आखिर में उन्हें सिर्फ 6 सीटों पर समझौता करना पड़ा.

