बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए वोटर लिस्ट मेगा वेरिफिकेशन अभियान पर विपक्षी दल लगातार हमलावर है. इसी कड़ी में रविवार को राष्ट्रीय जनता दल के विधायक और बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने इसे गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने की साजिश करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है.

बिहार में नहीं चल रहा बीजेपी का कार्ड: RJD
राजद नेता चंद्रशेखर यादव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ” कम समय में इतने बड़े पैमाने पर वेरिफिकेशन संभव नहीं है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं. एक जून तक सत्यापन पूरा हो जाने के बाद, उन्हें (संघ और भाजपा) अचानक गहन पुन: सत्यापन की आवश्यकता महसूस हुई. उन्हें एहसास हुआ कि उनकी घृणास्पद, सांप्रदायिक रणनीति अब समाज को धोखा नहीं दे रही है.
बिहार में NRC लागू करने की कोशिश: चंद्रशेखर
राजद नेता ने आशंका जताई कि प्रदेश में एनआरसी की तर्ज पर ही काम किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ” इनका एक ही मकसद है कि गरीब मतदाता को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाए. महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में हम यह देख चुके हैं.”
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
संविधान में छेड़छाड़ बर्दाशत नहीं: RJD
संविधान के प्रस्तावना में ‘सेक्युलरिज्म और सोशलिस्ट’ शब्द हटाने को लेकर बहस तेज है। इस पर राजद नेता ने कहा, ” केंद्र सरकार रोजगार, देश के विकास या किसानों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बारे में चिंतित नहीं दिखती है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन अब 2025 आ गया है और कुछ भी नहीं बदला है. धर्मनिरपेक्षता से बीजेपी के लोगों लोगों को दिक्कत है. संविधान में किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ से हमारी पार्टी सहमत नहीं है. समाजवाद से क्या दिक्कत है?”