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What Is Juice Jacking : फोन चार्जिंग में लगाते ही खाली होगा अकाउंट

What Is Juice Jacking - ठगी से बचने के लिए आरबीआई समय - समय पर लोगों के लिए चेतावनी जारी करता रहता है. इसी क्रम में आरबीआई ने अब साइबर अपराधियों के जूस जैकिंग स्कैम को लेकर लोगों को सावधान किया है.

What Is Juice Jacking : साइबर अपराधी लोगों को चूना लगाने के लिए हर दिन नये-नये हथकंडे अपना रहे हैं. कोई व्हाट्सऐप पर मैसेज भेज कर लोगों से ठगी कर रहा है, तो कोई यूट्यूब वीडियो लाइक के नाम पर लोगों के अकाउंट में सेंध लगा रहा है. ऐसी ठगी से बचने के लिए सरकारी एजेंसियां समय-समय पर लोगों के लिए चेतावनी जारी करती रहती हैं. इसी क्रम में आरबीआई ने हाल ही में साइबर अपराधियों के जूस जैकिंग स्कैम को लेकर लोगों को सावधान किया है.

क्या है जूस जैकिंग स्कैम?

जूस जैकिंग स्कैम एक ऐसा तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे डिवाइस में से महत्वपूर्ण डेटा चुराने के उपाय अपनाते हैं. इस तरह के स्कैम को अंजाम देने के लिए साइबर अपराधी पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर मालवेयर वाला सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर इंस्टॉल करते हैं. इसके लिए आमतौर पर वे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन या भीड़भाड़ वाले इलाकों काे चुनते हैं. इसके बाद वहां के चार्जिंग स्टेशन को फ्री चार्जिंग स्टेशन के रूप में लेबल कर देते हैं. फ्री का लेबल देखकर ज्यादा से ज्यादा यूजर्स उनकी तरफ खिंचे चले आते हैं. इसके बाद स्कैमर्स अपनी साजिश को अंजाम देते हैं.

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कैसे फंसते हैं शिकार?

जैसे ही यूजर यूएसबी केबल के जरिये चार्जिंग स्टेशन से डिवाइस को चार्ज करने के लिए जोड़ता है, पहले से इंस्टॉल कर रखा गया मालवेयर, यूजर का डेटा चुरा लेता है, जिसमें पासवर्ड, फोटो और बैंकिग जानकारियां भी शामिल होती हैं. वे यूजर के मोबाइल से ई-मेल, एसएमएस और पासवर्ड का कंट्रोल हासिल कर लेते हैं. इसके बाद मिनटों में उनके अकाउंट से पैसे निकाल लिये जाते हैं.

साइबर अपराध से निपटने के लिए नियम बनाये सरकार

वित्त मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थायी समिति ने साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या और निजी जानकारी से जुड़े आंकड़ों की सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी है. समिति ने इससे निपटने के लिए सरकार को नियम बनाने को कहा है. भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अगुआई वाली संसदीय समिति ने सरकार को साइबर संरक्षण प्राधिकरण (सीपीए) के गठन का सुझाव दिया है. साथ ही इस प्राधिकरण को ‘एथिकल हैकर्स’ की सेवाएं लेने को भी कहा है.

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क्या है इससे बचने का तरीका?

ट्रेन, हवाई जहाज में या स्टेशन होटलों पर पहले से लगी चार्जिंग केबल का इस्तेमाल न करें

प्रोमोशनल उपहार में मिलने वाले चार्जिंग केबल या पोर्ट का भी उपयोग न करें

अपने फोन के साथ मिले या ऑरिजनल चार्जर और केबल का ही इस्तेमाल करें

होटल में भी यूएसबी पोर्ट से फोन चार्ज न करें

किसी चार्जिंग स्टेशन पर यूएसबी पोर्ट का इस्तेमाल करने की बजाय एडप्टर का इस्तेमाल करें

स्मार्टफोन को अप टू डेट रखें. फोन लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर करे काम.

Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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