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लर्निंग लाइसेंस के लिए दलाल नहीं, दस्तावेज रखें अपने पास…वर्ना धोखाधड़ी तो पक्की!

Learner License: आम तौर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया से बचने के लिए लोग दलालों के चक्कर में फंसकर हजारों रुपये पानी में बहा देते हैं. परिवहन कार्यालय की लर्निंग लाइसेंस इसलिए दिया जाता है, ताकि सड़कों पर गाड़ी चलाना सीख लें.

Learner License: गाड़ी चलाने के लिए ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना बेहद जरूरी है. इसके बिना कोई भी व्यक्ति गाड़ी नहीं चला सकता है. ऐसा करने पर उस पर जुर्माना लगने के साथ जेल की भी सजा हो सकती है. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के भी नियम हैं. इसके लिए लोगों को कई दस्तावेजी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. जानकारी के अभाव में अक्सरहां लोग दलालों के चक्कर में फंसकर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं और एक ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए हजारों रुपये दलालों की जेब में डाल देते हैं. सही मायने में देखा जाए, तो ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की पहली प्रक्रिया लर्निंग लाइसेंस है. इसे बनाने के लिए किसी दलाल की नहीं, बल्कि दस्तावेज की जरूरत पड़ती है. लर्निंग लाइसेंस की मियाद पूरी होने के बाद ही पक्का ड्राइविंग लाइसेंस बनता है. आइए, जानते हैं कि लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया क्या है और इसके लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरती पड़ती है.

लर्निंग लाइसेंस के लिए किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत

लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए बहुत अधिक दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती. इसके लिए आपके पास एड्रेस प्रूफ होना चाहिए. अगर वह नहीं है, तो आपके पास एड्रेस को प्रूफ करने के लिए राशन कार्ड, पासपोर्ट, एलआईसी पॉलिसी, टेलीफोन बिल, पानी का बिल, बिजली का बिल, मतदाता पहचान पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण पत्र या फिर पे-स्लीप होना चाहिए. वहीं, आप अपनी आयु के प्रमाण के लिए जन्म प्रमाण-पत्र, स्कूल लिविंग सर्टिफकेट, पैन कार्ड और आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है.

कितने साल की उम्र में बना सकते हैं लर्निंग लाइसेंस

लर्निंग लाइसेंस बनाने की न्यूनतम आयुसीमा 16 साल है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप 16 साल के हो गए हैं, तो आप लर्निंग लाइसेंस बनवा सकते हैं. इसके लिए आपको अपने माता-पिता से लिखित मंजूरी लेनी होगी. इसके बाद क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में जाकर आवेदन जमा करना होगा. हालांकि, लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए आप ऑनलाइन आवेदन भी जमा कर सकते हैं. इसके अलावा, अगर आपकी उम्र 18 साल से अधिक है, तो आप गियर वाली मोटरसाइकिल चलाने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

लर्निंग लाइसेंस बनाने की क्या है प्रक्रिया

यातायात नियमों के तहत लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए आपको आरटीओ में जाकर आवेदन जमा करने के लिए एक फॉर्म भरना होगा. हालांकि, आप ऑनलाइन भी यह काम कर सकते हैं. इसके बाद आरटीओ की ओर से दी गई तारीख पर आपको ट्रांसपोट इंस्पेक्टर के सामने बैठकर एक लिखित परीक्षा देनी होगी. इस परीक्षा में आपसे ट्रैफिक सिग्नल, ट्रैफिक साइन और ट्रैफिक नियमों की जानकारी के बारे में पूछा जाता है. इस परीक्षा में पास हो जाने के बाद के बाद आपको गाड़ी चलाकर टेस्ट देना होगा. अगर आप टेस्ट पास करने में कामयाब हो जाते हैं, तो आपको जल्द से जल्द लर्निंग लाइसेंस दे दिया जाता है. वहीं, अगर आप टेस्ट पास करने में असफल रहते हैं तो आप फिर से टेस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं.

कितने समय के लिए वैध होता है लर्निंग लाइसेंस

लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता अवधि 6 महीने या 180 दिनों तक की होती है. इसे रीन्यू नहीं किया जाता. ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि एक बार लर्निंग लाइसेंस बनने के बाद आप 6 महीने के अंदर पक्का लाइसेंस या ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. लर्निंग लाइसेंस के आधार पर ही आपका ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा. परिवहन कार्यालय की ओर से 6 महीने के लिए लर्निंग लाइसेंस इसलिए दिया जाता है, ताकि आप इतने दिनों में सड़कों पर गाड़ी चलाना सीख लें. आम तौर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की इसी प्रक्रिया से बचने के लिए लोग दलाल के चक्कर में फंसकर हजारों रुपये पानी में बहा देते हैं.

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