End Of Life Vehicles: आम वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत
दिल्ली और एनसीआर में लाखों वाहन मालिकों के लिए राहत की खबर है. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण देने का आदेश दिया है. यह फैसला उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इन वाहनों पर निर्भर हैं.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने स्पष्ट किया कि जब तक नोटिस का जवाब नहीं आता, तब तक इन पुराने वाहनों के मालिकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. कोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया है और इस दौरान दिल्ली सरकार को जवाब दाखिल करना होगा.
Supreme Court says that no coercive action is to be taken against the owners of 10-year-old diesel and 15-year-old petrol vehicles in the National Capital Region.
— ANI (@ANI) August 12, 2025
Supreme Court issues notice to Centre and Commission for Air Quality Management (CAQM) on the plea of Delhi… pic.twitter.com/eIPDeNlRC3
End Of Life Vehicles: दिल्ली सरकार की याचिका
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती दी थी. सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आग्रह किया कि कोर्ट वाहन मालिकों को दंडात्मक कार्रवाई से बचाने का निर्देश दे.
आम जनता की चिंता
इस फैसले से उन लोगों को राहत मिली है जो अपने पुराने वाहन को बदलने की स्थिति में नहीं हैं. खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोग, जिनके लिए नया वाहन खरीदना मुश्किल है, अब चैन की सांस ले सकते हैं.
अब, आगे क्या? (End Of Life Vehicles)
अब सभी की नजरें दिल्ली सरकार के जवाब और सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय पर टिकी हैं. यह फैसला न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे देश में पुराने वाहनों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है.
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दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों को राहत, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

