नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद पैसों के लेन-देन और भुगतान में उपजे संकट के बीच देश में कई कंपनियों ने डिजिटल पेमेंट करने के लिए बाजार में कई प्रकार के एप को लॉन्च किया, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से आधार नंबर पर आधारित भीम एप बाजार में पेश किये गये अन्य कंपनियों के एप से कहीं अधिक कारगर साबित हो रहा है. आंकड़े बताते हैं कि सरकार ने पिछले साल जब से इस भीम एप को लॉन्च किया है, तब से लेकर अब तक करीब 20 दिनों में एक करोड़ से अधिक लोगों ने इस डाउनलोड किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एप को 30 दिसंबर, 2016 को देश की जनता के लिए पेश किया था.
दरअसल, भीम भारत इंटरफेस मनी का शॉटफॉर्म है. यह एप एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. एपल फोन और आईओएस प्लेटफॉर्म के लिए भी इसे लॉन्च किया जाना है. भीम एप को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने विकसित किया है. भीम यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेड (यूपीआई) पर काम करता है. यूपीआई आईएमपीएस इंफ्रास्ट्रक्चर की तर्ज पर बना है और इससे पेमेंट तुरंत किया जा सकता है.
भीम एप के जरिए लेन-देन और भुगतान करने के एवज में कोई फीस नहीं लिया जाता है. फिर भी यह संभव है कि आपका बैंक यूपीआई या आईएमपीएस ट्रांसफर फीस ले. भीम एप का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी नहीं कि आपने मोबाइल बैकिंग चालू कर रखी हो. हां, यह जरूरी है कि आपका मोबाइल नंबर बैंक विशेष के पास रजिस्टर हो.
फिलहाल, भीम सिर्फ एक बैंक खाता से लिंक होता है. जब आप इस पर अपना अकाउंट बनाते हैं, तब अपनी मर्जी का बैंक डिफॉल्ट अकाउंट के तौर पर चुन सकते हैं. यदि आप दूसरा बैंक अकाउंट इससे जोड़ना चाहते हैं, तो आपको मेन मैन्यू में जाना होगा. वहां से दूसरे बैंक अकाउंट का चयन करना होगा. आपको जो भी पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है, वह आपके डिफॉल्ट अकाउंट में पहुंचेगा.