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हिंसा और आगजनी के बीच 17 साल बाद ढाका लौट रहा यह नेता, बांग्लादेश में चुनावी रंगत का भी बदल रहा माहौल

Bangladesh Osman Hadi death Tariq Rahman return: बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या के बाद भारी बवाल मचा हुआ है. मीडिया संस्थानों पर जानलेवा हमले किए गए. इसी हिंसा के बीच पूर्व बांग्लादेश प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की ढाका वापसी हो रही है.

Bangladesh Osman Hadi death Tariq Rahman return: बांग्लादेश गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात से हिंसा की चपेट में है. इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद बांग्लादेश अशांत हो चुका है. मीडिया, शेख मुजीबुर्रहमान से जुड़े संस्थानों पर हमले हो रहे हैं. इसी बीच एक अहम घटनाक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 25 दिसंबर को आम चुनाव से पहले बांग्लादेश लौटने की योजना बना रहे हैं. बांग्लादेशी अखबार प्रथम आलो के अनुसार, तारिक रहमान ने लंदन स्थित बांग्लादेश उच्चायोग में ट्रैवल पास के लिए आवेदन किया है.

तारिक रहमान लंबे समय से लंदन में निर्वासन में रह रहे हैं. उन्हें वर्ष 2007 में गिरफ्तार किया गया था और 2008 में जेल से रिहा होने के बाद वे इलाज के लिए अपने परिवार के साथ यूनाइटेड किंगडम चले गए थे. तब से वे वहीं रह रहे हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) तारिक रहमान की वापसी को लेकर विशेष तैयारियां कर रही है, क्योंकि आगामी आम चुनाव के प्रचार में उनकी अहम भूमिका मानी जा रही है. उनकी मां और बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया इस समय ढाका के एक अस्पताल में इलाज करा रही हैं.

चुनावों में होगी कड़ी टक्कर

बांग्लादेश में 12 फरवरी को चुनाव होंगे. इसमें सुबह 7.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक वोट डाले जाएंगे. इस चुनाव के साथ ही मोहम्मद यूसुफ के द्वारा पेश किए गए सुधार योजना पर भी जनमत संग्रह किया जाएगा. हालांकि इन चुनावों में शेख हसीना की पार्टी को किसी भी प्रक्रिया में भाग लेने से बैन कर दिया गया है. ऐसे में जमात और बीएनपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. वहीं एक और नेशनल सिटिजंस पार्टी मैदान में होगी, जो जुलाई आंदोलन के बीच से पैदा हुई है. 

चुनावों को लेकर बांग्लादेश ने किया आश्वस्त

इस बीच, बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने गुरुवार को भारत सहित कई देशों के राजदूतों, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को आगामी चुनावों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया. यह ब्रीफिंग ऐसे समय में हुई है जब हालिया हिंसा के चलते विदेशी मिशनों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. विदेश सचिव ने राजनयिकों को बताया कि सरकार ने राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं और कुछ मिशनों द्वारा उठाई गई सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को कोई नई चिंता हो, तो वे तुरंत विदेश मंत्रालय से संपर्क करें. साथ ही, उन्होंने आगामी चुनावों के लिए चुनाव पर्यवेक्षक भेजने का भी आग्रह किया.

भारत ने प्रदर्शनों पर दी कड़ी प्रतिक्रिया

इससे पहले, भारत ने हादी की मौत से पहले एंबेसी के पास हुए विरोध प्रदर्शनों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हामिदुल्लाह को तलब कर बांग्लादेश में बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर भारत की गंभीर चिंता से अवगत कराया था. MEA ने कहा था कि वह अंतरिम सरकार से अपनी कूटनीतिक जिम्मेदारियों के तहत बांग्लादेश में मिशनों और दूतावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपेक्षा करता है. राजनयिकों को संबोधित करते हुए बांग्लादेश के विदेश सचिव ने दोहराया कि देश में सभी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा और संरक्षण को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां और विशेष राजनयिक सुरक्षा इकाइयां राजनयिक इलाकों पर लगातार नजर रखे हुए हैं और हाई अलर्ट पर हैं. 

हिंसा का घटनाक्रम कैसा रहा

वहीं शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद, लगातार हिंसा चल रही है. हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के लिए जाते समय गोली मार दी गई थी. उनका इलाज ढाका में चला, लेकिन उचित रिस्पांस न मिलने के कारण उन्हें सिंगापुर शिफ्ट किया गया, जहां सिर में लगी चोट के बाद हादी को बचाया नहीं जा सका. उस्मान ने 18 दिसंबर की रात, लगभग 9.45 बजे दम तोड़ दिया. जैसे ही उनकी मौत की खबर बांग्लादेश में फैली, हिंसा का चरण शुरू हो गया. बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र प्रथम आलो और डेली स्टार के ऑफिस में आग लगा दी गई. पत्रकारों को किसी तरह बचाया गया. इसके बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने लोगों से शांति की अपील की है. 

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट. करियर की शुरुआत प्रभात खबर के लिए खेल पत्रकारिता से की और एक साल तक कवर किया. इतिहास, राजनीति और विज्ञान में गहरी रुचि ने इंटरनेशनल घटनाक्रम में दिलचस्पी जगाई. अब हर पल बदलते ग्लोबल जियोपोलिटिक्स की खबरों के लिए प्रभात खबर के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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