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World News : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस : थामिए दुखी लोगों को, ताकि उनका जीवन भी बचा रहे

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि आत्महत्या प्रतिवर्ष 70 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु का कारण बनता है. ऐसे में इसे लेकर जागरूकता जरूरी है.

World News : आत्महत्या एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो वैश्विक स्तर पर हर वर्ष आत्महत्या के कारण सात लाख से अधिक मौतें होती हैं. आत्महत्या से केवल एक व्यक्ति की ही मृत्यु नहीं होती, बल्कि प्रत्येक आत्महत्या के दूरगामी सामाजिक, भावनात्मक और आर्थिक परिणाम होते हैं, और यह दुनियाभर में व्यक्तियों और समुदायों को गहराई से प्रभावित करता है. इस कारण इसके रोकथाम के उपाये करने जरूरी हैं.

2003 में पहली बार मनाया गया था यह दिवस

प्रत्येक वर्ष 10 सितंबर को मनाये जाने वाले विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (डब्ल्यूएसपीडी) को पहली बार 2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मिलकर मनाया था. तब से प्रत्येक वर्ष 10 सितंबर को यह दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य यह संदेश देना है कि आत्महत्याओं को रोका जा सकता है. इसके लिए संगठनों, सरकारों और लोगों के बीच आत्महत्या को रोकने के लिए जागरूकता उत्पन्न करना होगा.

क्या है इस वर्ष की थीम

वर्ष 2024-2026 के लिए विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की त्रैवार्षिक थीम है ‘Changing the Narrative on Suicide’ with the call to action ‘Start the Conversation.’ इस थीम का उद्देश्य आत्महत्या के कलंक को कम करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और आत्महत्याओं को रोकने के लिए खुली बातचीत को प्रोत्साहित करना है.

हर वर्ष 72 लाख लोग करते हैं आत्महत्या

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार,

  • 72 लाख से अधिक लोगों की जान हर वर्ष आत्महत्या के कारण चली जाती है.
  • 15 से 29 आयु वर्ग के लोगों में आत्महत्या मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है.
  • 73 प्रतिशत वैश्विक आत्महत्याओं के मामले निम्न और मध्यम आय वाले देशों से सामने आते हैं.
  • आत्महत्या के अनेक कारण हैं जो सामाजिक, सांस्कृतिक, जैविक, मनोवैज्ञानिक और पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होते हैं.
  • जब एक व्यक्ति आत्महत्या करता है, उस दौरान कई और लोग आत्महत्या का प्रयास करते हैं.

इन उपायों से बचायी जा सकती है जान

आत्महत्या और खुद को नुकसान पहुंचाने से व्यक्ति को रोकने के लिए जनसंख्या और व्यक्तिगत स्तर पर कई उपाय किये जा सकते हैं.

  • आत्महत्या के साधनों (जैसे कीटनाशक, फायरआर्म्स, कुछ दवाइयां) तक पहुंच सीमित करना.
  • किशोरों में सामाजिक-भावनात्मक जीवन कौशल को बढ़ावा देना.
  • आत्मघाती व्यवहार वाले व्यक्ति की शीघ्र पहचान, उसकी समस्याओं को समझना, उसे सुझलाने के उपाय करना और उस व्यक्ति पर नजर रखना.

रोकथाम के लिए सहयोग की जरूरत

आत्महत्या की रोकथाम के प्रयासों के लिए समाज के कई क्षेत्रों के बीच समन्वय और सहयोग की आवश्यकता होती है, जिसमें स्वास्थ्य समेत शिक्षा, श्रम, कृषि, व्यवसाय, न्याय, कानून, रक्षा, राजनीति और मीडिया जैसे अन्य क्षेत्र शामिल हैं.

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