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दुनिया का सबसे ठंडा शहर! जहां केला बन जाता है हथौड़ा, बाहर निकलने से पहले लोग पहनते हैं 10 किलो कपड़े

World Coldest City: दुनिया के सबसे ठंडे शहर याकुत्स्क की हैरान करने वाली कहानी. यहां उबलता हुआ पानी हवा में ही जम जाता है, गाड़ियां कभी बंद नहीं की जातीं और लोग बाहर जाने के लिए 10 किलोग्राम तक कपड़े पहनते हैं. जानिए याकुत्स्क को धरती का सबसे ठंडा शहर क्यों कहा जाता है.

World Coldest City: दुनिया में कई जगहें ठंडी हैं, लेकिन एक शहर ऐसा भी है जहां ठंड सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि रोज की लड़ाई है. इस शहर का नाम है याकुत्स्क (Yakutsk). यह शहर रूस के साइबेरिया इलाके में बसा है. यहां करीब 3 लाख 55 हजार लोग रहते हैं. याकुत्स्क को दुनिया का सबसे ठंडा शहर कहा जाता है. यहां की सर्दी इतनी तेज होती है कि इंसान को अपने जीने का तरीका बदलना पड़ता है.

हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर याकुत्स्क का एक वीडियो खूब वायरल हुआ. इस वीडियो को 22 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. वीडियो में वहां की रोजमर्रा की जिंदगी दिखाई गई है. इसमें दिखता है कि उबलता हुआ पानी हवा में फेंकते ही कुछ सेकंड में बर्फ बन जाता है. यही वीडियो एक बार फिर याकुत्स्क की भयानक ठंड को दुनिया के सामने ले आया.

World Coldest City in Hindi: कितनी पड़ती है ठंड

बीबीसी साइंस फोकस के अनुसार, याकुत्स्क में जनवरी के महीने में औसतन तापमान -42 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है. इस दौरान दिन में चार घंटे से भी कम धूप मिलती है. इतिहास की बात करें तो यहां अब तक का सबसे कम तापमान -64.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. यह रिकॉर्ड 5 फरवरी 1891 का है. याकुत्स्क में अगर कोई चीज बाहर रख दी जाए तो चाहे वह कपड़े हों, गाड़ी हो या कोई सामान वह कुछ सेकंड या मिनटों में जम जाती है. वीडियो में एक व्यक्ति बताता है कि यहां बाजार में मछली और मांस बिना फ्रीजर के ही जमे रहते हैं, क्योंकि बाहर की हवा किसी भी फ्रीजर से ज्यादा ठंडी होती है.

World Coldest City Yakutsk in Hindi: यहां केला भी हथौड़े का काम करता है

वीडियो में एक मजेदार लेकिन चौंकाने वाला नजारा भी दिखाया गया है. एक केला बाहर रखते ही इतना सख्त हो जाता है कि उससे लकड़ी में कील ठोंकी जा सकती है. यानी यहां केला खाने की चीज नहीं, जरूरत पड़ने पर औजार भी बन सकता है. याकुत्स्क में लोग अपनी गाड़ियों का इंजन बंद नहीं करते. अगर इंजन बंद कर दिया गया, तो कुछ ही मिनटों में वह पूरी तरह जम सकता है.

इसके बाद गाड़ी को फिर से स्टार्ट करना बेहद मुश्किल हो जाता है. यहां बाहर निकलने के लिए एक व्यक्ति को औसतन 22 पाउंड यानी करीब 10 किलो कपड़े पहनने पड़ते हैं. कपड़े कई परतों में होते हैं. शरीर का सिर्फ आंखों के आसपास का हिस्सा खुला रहता है. वीडियो में मौजूद व्यक्ति कहता है कि उस हिस्से को भी खास सुरक्षा की जरूरत होती है, वरना नुकसान हो सकता है.

शाकाहारियों के लिए आसान नहीं है यह शहर

याकुत्स्क में ताजे फल और सब्जियां बहुत कम मिलती हैं. यहां की जमीन हमेशा जमी रहती है, इसलिए खेती करना मुश्किल है. इसी वजह से यहां के लोगों के खाने में मांस और मछली सबसे अहम हैं. यानी शाकाहारी लोगों के लिए यहां रहना आसान नहीं है. इतनी ठंड में सिर्फ इंसान ही नहीं, स्मार्टफोन भी परेशान हो जाते हैं. खुले में रखने पर मोबाइल फोन कुछ ही मिनटों में बंद हो जाते हैं. इसलिए लोग फोन को ठंड से बचाकर रखते हैं.

आखिर याकुत्स्क ही सबसे ठंडा क्यों?

याकुत्स्क को दुनिया का सबसे ठंडा शहर कहा जाता है, जबकि यह नॉर्थ पोल के सबसे पास भी नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यह शहर समुद्र से बहुत दूर है. यह Sea of Okhotsk से करीब 725 किलोमीटर दूर स्थित है. सर्दियों में यहां Siberian High नाम का हाई प्रेशर सिस्टम बनता है, जिससे ठंड और बढ़ जाती है. इसके अलावा, यह शहर परमाफ्रॉस्ट जमीन पर बसा है, यानी यहां की मिट्टी साल भर जमी रहती है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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