US forces reportedly killed Syrian spy: अमेरिका और उसके खुफिया मिशन से एक बड़ी चूक सामने आई है. सीरिया में अमेरिकी सेना स्थानीय सीरियाई समूहों के साथ एक अभियान पर गई थी. इसमें वह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के एक आतंकवादी को पकड़ने गई थी, लेकिन इसी दौरान उसने एक ऐसे व्यक्ति की हत्या कर दी, जो इन्हीं आतंकवादियों के लिए जानकारी जुटाने के लिए अंडरकवर काम कर रहा था. उसके परिवार वालों ने यह जानकारी साझा की है. हाल ही में सीरिया में अमेरिका समर्थित सरकार सत्ता में आई है. बशर अल असद की सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद अहमद अल शरा के नेतृत्व वाली सरकार अमेरिका के साथ मिलकर आईएस के बचे हुए नेटवर्क को समाप्त करने में जुटी है. लेकिन इस हत्या के बाद उस क्षेत्र की राजनीतिक और जटिल सुरक्षा व्यवस्था सामने आई है.
मारे गए अंडरकवर जासूस का नाम खालिद अल-मसूद बताया जा रहा है. उसके परिजनों के अनुसार वह कई वर्षों से आईएस पर जासूसी कर रहा था. पहले अल-शरा के नेतृत्व वाले विद्रोहियों के लिए और उससे पहले राष्ट्रपति बशर अल-असद के पतन के बाद बने अंतरिम सरकार के लिए. अल-शरा के विद्रोही मुख्य रूप से इस्लामवादी थे, इनमें से कुछ अल-कायदा से जुड़े थे, लेकिन वे आईएस के कट्टर दुश्मन भी थे और पिछले दशक में कई बार उससे भिड़ते रहे.
अमेरिकी या सीरियाई सरकारी अधिकारियों ने अल-मसूद की मौत पर कोई टिप्पणी नहीं की है. इसे दोनों पक्षों द्वारा बेहतर होते संबंधों को नुकसान से बचाने की कोशिश माना जा रहा है. 19 अक्टूबर की छापेमारी के कुछ सप्ताह बाद अल-शरा वॉशिंगटन गए और घोषणा की कि सीरिया आईएस के खिलाफ वैश्विक गठबंधन में शामिल होगा. फिर भी, अल-मसूद की मौत आईएस के खिलाफ अभियान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

गलत खुफिया जानकारी का संदेह
न्यूयॉर्क स्थित सुरक्षा थिंक टैंक ‘द सूफान सेंटर’ के वरिष्ठ शोधकर्ता वसीम नसर के मुताबिक, अल-मसूद दक्षिणी सीरिया के बाडिया रेगिस्तान में आईएस में घुसपैठ कर खुफिया जानकारी जुटा रहा था. वहां आज भी समूह के कुछ लोग सक्रिय हैं. उनके अनुसार, जिस छापे में अल-मसूद मारा गया वह गठबंधन और दमिश्क के बीच तालमेल की कमी का नतीजा था. यह स्पष्ट नहीं है कि 19 अक्टूबर की छापेमारी गलत खुफिया जानकारी के कारण विफल हुई या किसी ने जानबूझकर गलत सूचना देकर गठबंधन को गुमराह किया. नसर ने कहा कि अतीत में कई विरोधी गुटों ने अपने निजी हिसाब चुकाने के लिए गठबंधन का इस्तेमाल किया है.
कैसे-कैसे घटा घटनाक्रम
30 नवंबर 2025 को अमेरिकी और सीरिया के गृह मंत्रालय के बलों ने दक्षिणी सीरिया में आईएस के 15 हथियार भंडारों का पता लगाकर उन्हें नष्ट किया था. दमिश्क के पूर्व में रेगिस्तान की सीमा पर स्थित एक कस्बा दमैर में छापा मारा गया था. रात करीब 3 बजे भारी वाहनों और विमानों की आवाज से लोग जाग उठे. स्थानीय निवासियों के अनुसार, अमेरिकी सैनिकों ने छापे को ‘सीरियन फ्री आर्मी’ (एसएफए) के साथ मिलकर अंजाम दिया. यह वही अमेरिकी-प्रशिक्षित विपक्षी गुट है जो कभी असद के खिलाफ लड़ा था और अब आधिकारिक तौर पर सीरियाई रक्षा मंत्रालय के अधीन है.
अल-मसूद के चचेरे भाई अब्देल करीम मसूद ने कहा कि जब उन्होंने दरवाजा खोला, तो बाहर अमेरिकी झंडे लगी हम्वी गाड़ियाँ खड़ी थीं. उन्होंने कहा कि उनमें से एक पर बैठे व्यक्ति ने टूटी-फूटी अरबी में बोलते हुए हम पर मशीनगन तान दी और हरी लेजर लाइट दिखाई और अंदर जाने को कहा. अल-मसूद की माँ, सुबह अल-शेख अल-किलानी ने कहा कि बलों ने उसके बेटे के घर को चारों ओर से घेर लिया और दरवाजे पर जोर से दस्तक दी. अल-मसूद ने दरवाजा खोला और बताया कि वह गृह मंत्रालय के अधीन जनरल सिक्योरिटी का सदस्य है, लेकिन इसके बावजूद बलों ने दरवाजा तोड़ दिया और उसे गोली मार दी. फिर सैनिक घायल अल-मसूद को अपने साथ ले गए.
बाद में सरकारी सुरक्षा अधिकारियों ने परिवार को बताया कि उसे रिहा कर दिया गया है लेकिन वह अस्पताल में है. परिवार को बाद में उसका शव लेने के लिए बुलाया गया. यह स्पष्ट नहीं था कि उसकी मौत कब हुई. उसके परिवार में पत्नी और पाँच बेटियां हैं. उसकी माँ ने कहा वह कैसे मरा? हमें नहीं पता. उन्होंने कहा कि वे चाहती हैं कि जिन लोगों ने उसे उसके बच्चों से छीन लिया, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए. यह स्पष्ट नहीं है कि 19 अक्टूबर की छापेमारी गलत खुफिया जानकारी के कारण विफल हुई या किसी ने जानबूझकर गलत सूचना देकर गठबंधन को गुमराह किया. नसर ने कहा कि अतीत में कई विरोधी गुटों ने अपने निजी हिसाब चुकाने के लिए गठबंधन का इस्तेमाल किया है.
जिम्मेदारों का टिप्पणी से इनकार
अल-मसूद के परिवार का मानना है कि उसे एसएफए के कुछ सदस्यों द्वारा दी गई गलत जानकारी के आधार पर निशाना बनाया गया. एसएफए के प्रतिनिधियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. तीन सीरियाई अधिकारियों ने पुष्टि की कि अल-मसूद अंतरिम सरकार की सुरक्षा भूमिका में काम कर रहा था. उनमें से दो ने बताया कि वह आईएस से लड़ने के अभियानों में शामिल था.
अमेरिका ने पहले भी की है गलत हत्या
सीरिया में मौजूद करीब 1,000 से कम अमेरिकी सैनिक मुख्यतः हवाई हमले और आईएस के सेल पर छापेमारी करते हैं. वे उत्तर-पूर्व में कुर्द नेतृत्व वाले ‘सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस’ और दक्षिण में ‘सीरियन फ्री आर्मी’ के साथ मिलकर काम करते हैं. नई सीरियाई सरकार की सुरक्षा एजेंसियाँ भी अब अमेरिका की एक नई साझेदार हैं. लंदन-आधारित मॉनिटरिंग समूह ‘एयरवॉर्स’ ने 2020 से अब तक सीरिया में गठबंधन अभियानों के दौरान नागरिकों के नुकसान के 52 मामलों को दर्ज किया है. एयरवॉर्स ने अल-मसूद को भी नागरिक के रूप में वर्गीकृत किया. अमेरिका पहले भी ऐसी गलती करता रहा है. 2023 में उसने ड्रोन हमला कर अल-कायदा नेता को मारने का दावा किया था, लेकिन बाद में पता चला कि लक्ष्य एक साधारण किसान था.
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