Leaked Call of European Leaders: यूक्रेन युद्ध को लेकर यूरोप और अमेरिका आमने सामने आते दिख रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस युद्ध को रुकवाने के लिए 28 सूत्रीय पीस प्लान पेश किया था. इसे लेकर रूस ने तो पहले हामी भर दी थी, लेकिन यूरोप और यूक्रेन के ना-नुकुर करने पर इसमे कुछ संशोधन कर दिए गए. नया प्रस्ताव लेकर ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जेरेड कुश्नर रूस पहुंचे तो मॉस्को ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया. अब इस पीस प्लान पर एक धमाकेदार खुलासा हुआ, जिसमें फ्रांस के राष्ट्रपति की कॉल लीक हो गई है. इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति और जर्मनी के चांसलर ने अमेरिका की ओर से यूक्रेन और रूस के बीच शांति समझौते को लेकर चल रही बातचीत की दिशा पर संदेह जताया है.
जर्मन मैग्जीन श्पीगल ने एक गोपनीय कॉल के ट्रांसक्रिप्ट का हवाला देते हुए यह जानकारी दी. गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ हुई कॉल में चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन पर रूस को क्षेत्रीय रियायतें देने का दबाव डाल सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह सब कुछ भविष्य में रूसी हमलों को रोकने की स्पष्ट सुरक्षा गारंटियों के बिना हो सकता है. रिपोर्ट में मैक्रों के हवाले से कहा गया, ‘संभावना है कि अमेरिका सुरक्षा गारंटी की स्पष्टता के बिना क्षेत्रीय मुद्दे पर यूक्रेन के साथ धोखा कर सकता है.’
जर्मन और फिनिश नेताओं ने क्या कहा?
श्पीगल की रिपोर्ट में कहा गया कि 1 दिसंबर 2025 (सोमवार) को हुई कॉल में जर्मनी के फ्रीड्रिख मर्ज ने जेलेंस्की को चेतावनी दी कि अमेरिकी वार्ताकार खेल खेल रहे हैं. आने वाले कुछ दिनों में उन्हें बहुत सावधान रहना चाहिए. इसमें फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब भी शामिल थे. उन्होंने भी वार्ताकारों की जोड़ी (विटकॉफ और कुश्नर) के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हमें यूक्रेन और वोलोदिमिर जेलेंस्की को अकेले नहीं छोड़ना है. इस मीटिंग में नाटो महासचिव मार्क रूट भी थे. उन्होंने भी एलेक्जेंडर की बात से सहमति जताई.
टिप्पणी करने से इनकार
इस रिपोर्ट के आने के बाद तहलका मचा हुआ है. बर्लिन ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने भी तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी. श्पीगल के अनुसार, एलिजी पैलेस (फ्रांस के राष्ट्रपति का निवास स्थान) ने कहा कि राष्ट्रपति ने इस तरह के शब्दों में खुद को व्यक्त नहीं किया. वहीं फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पास्कल कोंफाव्रू ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि वे कथित लीक पर टिप्पणी नहीं कर सकते. यूक्रेन के प्रति फ्रांस के समर्थन और अमेरिकी पक्ष के साथ फ्रांस की बातचीत की तीव्रता पर किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए.
पहले भी लीक हुई हैं बातें
इससे पहले भी यूरोप में बातें लीक हुई थीं और वही भी इसी यूक्रेन पीस प्लान को लेकर ही. उस समय ब्लूमबर्ग ने दावा किया था कि उसके पास ट्रंप के मित्र और पीस प्लान के मास्टरमाइंड स्टीव विटकॉफ और रूस के वरिष्ठ सलाहकार यूरी उशाकोव के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है. इसमें विटकॉफ उशाकोव को सलाह दे रहे थे कि पुतिन को डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ कर दें, तो बात आगे बढ़ जाएगी. जैसे ही यह बात फैली इस बात को लीक करने वाले की खोज होने लगी. रूस, यूरोप और अमेरिका ने एक दूसरे के ऊपर अंदेशा जताया.
पुतिन ने बताया वार्ता बेनतीजा
मंगलवार, 2 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और जैरेड कुशनर से क्रेमलिन में मुलाकात की. लेकिन बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके दूतों और पुतिन के बीच हुई काफी अच्छी बातचीत के बाद भी शांति वार्ता का रास्ता अभी स्पष्ट नहीं है. इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भारत की यात्रा पर आए. इससे पहले उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की अमेरिकी योजना के कुछ प्रस्ताव मॉस्को को अस्वीकार्य हैं. उन्होंने बृहस्पतिवार की टिप्पणियों में संकेत दिया कि किसी भी समझौते पर पहुंचने में अभी काफी समय लगेगा.
फिर से होगा अमेरिका-रूस में बातचीत का प्रयास
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में लगभग चार साल पहले शुरू हुए रूसी हमले के बाद से अब तक की सबसे व्यापक कूटनीतिक पहल शुरू की है ताकि युद्धविराम का कोई रास्ता निकाला जा सके. हालांकि, यह पहल फिर एक बार उन जटिल मांगों में उलझ गई है, जिनका हल निकालना बेहद कठिन है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यूक्रेन को अपनी कुछ जमीन रूस को सौंपनी पड़ेगी और भविष्य में मॉस्को की किसी संभावित आक्रामक कार्रवाई से उसे कैसे बचाया जाएगा. गुरुवार को ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ गुरुवार को मियामी में यूक्रेन के मुख्य वार्ताकार रुस्तेम उमेरोव से मुलाकात करेंगे.
पुतिन ने कहा रूस चर्चा को तैयार
नई दिल्ली की अपनी यात्रा से पहले पुतिन ने ‘इंडिया टुडे’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि मंगलवार को हुई वार्ता इसलिए लंबी चली क्योंकि दोनों पक्षों को अमेरिकी शांति प्रस्ताव के लगभग हर बिंदु पर विस्तार से चर्चा करनी पड़ी. तास समाचार एजेंसी के अनुसार पुतिन ने इसे एक आवश्यक और ठोस बातचीत बताया. उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष कुछ बिंदुओं पर चर्चा को तैयार था, जबकि कुछ शर्तों पर सहमति संभव नहीं है. पुतिन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन-से प्रस्ताव स्वीकार्य हैं और कौन-से नहीं.
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