Turkey Wheat Sinkholes: तुर्की का कोन्या इलाका देश की खेती की रीढ़ माना जाता है. यहां गेहूं की पैदावार पूरे देश का पेट भरती है. लेकिन अब इसी इलाके में जमीन के नीचे से खतरा पैदा हो गया है. खेत अचानक धंस रहे हैं, बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं और देखते ही देखते जमीन में गहरे गड्ढे बन जा रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि जिस जमीन पर किसान सुबह हल चला रहे थे, उसी जमीन पर शाम तक 100 फीट चौड़ा गड्ढा नजर आ रहा है. तुर्की सरकार के नए आकलन के अनुसार, कोन्या क्लोज्ड बेसिन में अब तक 684 सिंकहोल की पहचान की जा चुकी है. ड्रोन से ली गई नई तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि ये गड्ढे बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. कई गड्ढे 30 मीटर से ज्यादा गहरे हैं और खेतों को पूरी तरह निगल चुके हैं. यह इलाका तुर्की के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में से एक है, इसलिए खतरा सिर्फ जमीन तक सीमित नहीं है.
Turkey Wheat Sinkholes in Hindi: अचानक क्यों धंस रही है जमीन?
वैज्ञानिकों और सरकारी अधिकारियों के अनुसार, जमीन धंसने की वजह कोई एक कारण नहीं है. इसके पीछे तीन बड़े कारण एक साथ काम कर रहे हैं जमीन की बनावट, लंबे समय से पड़ रहा सूखा और जरूरत से ज्यादा भूजल निकालना. कोन्या बेसिन की जमीन के नीचे ऐसी चट्टानें हैं जो पानी में धीरे-धीरे घुल जाती हैं. इन चट्टानों के नीचे समय के साथ खाली जगह बन जाती है. पहले ये गड्ढे बहुत कम बनते थे, लेकिन अब हालात तेजी से बदल गए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, 2000 से पहले कोन्या इलाके में दस साल में गिनती के ही सिंकहोल सामने आते थे. लेकिन अब हर साल नए गड्ढे बन रहे हैं. जैसे-जैसे जमीन के नीचे पानी का स्तर गिरता है, वहां बनी खाली जगहों की छत कमजोर हो जाती है और अचानक जमीन बैठ जाती है. बाहर से देखने पर जमीन बिल्कुल ठीक लगती है, लेकिन अंदर ही अंदर सब खोखला हो चुका होता है. (Turkey Wheat Sinkholes Farmland Crisis in Hindi)
जलवायु परिवर्तन और गहराता सूखे का है असर
सरकारी आंकड़ों और सैटेलाइट से मिले डेटा के अनुसार, मध्य तुर्की पिछले कई सालों से गंभीर सूखे की चपेट में है. जलवायु परिवर्तन ने इस सूखे को और ज्यादा खतरनाक बना दिया है. 2021 तक आते-आते तुर्किये के कई जलाशयों और भूजल स्रोतों में कम से कम 15 साल का सबसे निचला जल स्तर दर्ज किया गया. बारिश कम हुई, तो जमीन के नीचे पानी भरना भी बंद हो गया. इसका सीधा असर जमीन की मजबूती पर पड़ा. विशेषज्ञों का कहना है कि समस्या को और बढ़ाया है ज्यादा पानी मांगने वाली फसलों ने, जैसे चुकंदर और मक्का. इन फसलों की सिंचाई के लिए दशकों से लगातार भूजल निकाला गया. नीचे आप वीडियो देख सकते हैं.
🚨 Massive Sinkholes Devour Turkey’s Most Important Wheat-Growing Region: Konya Plain
— Shield of Truth (@ShieldOfTruth_) December 12, 2025
There are 684 giant sinkholes, some hundreds of meters deep and about 30 meters in diameter, “wounding” the Konya Plain at an accelerating rate.
The Konya Plain is one of Turkey’s most… pic.twitter.com/XTQTGoILfB
किसानों पर सबसे बड़ा संकट
कई इलाकों में भूजल स्तर दर्जनों मीटर नीचे चला गया है. कुछ जगहों पर 1970 के दशक से अब तक 60 मीटर तक पानी नीचे चला गया. अधिकारियों के अनुसार, यहां हजारों कानूनी कुएं और बड़ी संख्या में अवैध कुएं लगातार जमीन से पानी खींच रहे हैं. तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी AFAD के मुताबिक, सबसे ज्यादा सिंकहोल करापिनार इलाके में मिले हैं. इसके अलावा करामान और अक्साराय जिलों में भी जमीन धंसने के मामले सामने आए हैं. कई गड्ढे इतने बड़े हैं कि उन्होंने पूरे खेत बर्बाद कर दिए, सड़कों को नुकसान पहुंचाया और कुछ जगहों पर इमारतों के पास तक खतरा पैदा कर दिया है. कई किसानों को अपने खेत छोड़ने पड़े हैं क्योंकि वहां खेती करना अब जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है.
जमीन बची तो खेती बचेगी
कोन्या टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इन इलाकों की मैपिंग कर रहे हैं और साफ चेतावनी दे रहे हैं कि हालात अगर ऐसे ही रहे तो समस्या और बढ़ेगी. विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक भूजल निकालने पर सख्त नियंत्रण नहीं होगा और कम पानी वाली खेती को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, तब तक तुर्की के इस अनाज भंडार में जमीन धंसती ही जाएगी. कोन्या का संकट सिर्फ तुर्किये की समस्या नहीं है. यह उन सभी इलाकों के लिए चेतावनी है जहां खेती के नाम पर जमीन से जरूरत से ज्यादा पानी खींचा जा रहा है. अगर समय रहते पानी और जमीन का संतुलन नहीं संभाला गया, तो खेत ही नहीं, पूरी खेती खतरे में पड़ सकती है.
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