Trump Gaza Peace Deal: गाजा में लगभग दो साल से धधकती आग को बुझाने का बीड़ा उठाया है कौन? वही डोनाल्ड ट्रंप, जिनके नाम से अक्सर विवाद और सुर्खियां जुड़ी रहती हैं. 30 सितंबर, सोमवार को उन्होंने व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और फिर दुनिया के सामने गाजा युद्ध खत्म करने का अपना प्लान पेश किया. अब मजेदार बात ये है कि जहां गाजा के लोग और हमास इस प्लान को “फार्स” (ढोंग) बता रहे हैं, वहीं कई बड़े मुस्लिम देश इसे हाथोंहाथ ले रहे हैं.
Trump Gaza Peace Deal: आठ मुस्लिम देशों का संयुक्त बयान
मिस्र, जॉर्डन, यूएई, तुर्की, कतर, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और पाकिस्तान ये सभी 8 देशों ने जो कि मुस्लिम-बहुल देश हैं ने मिलकर एक बयान जारी किया. बयान में साफ कहा गया है कि हम अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका और उनके सच्चे प्रयास का स्वागत करते हैं और समझौते को अंतिम रूप देने व लागू कराने के लिए सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से जुड़ने को तैयार हैं.
ये सपोर्ट इसलिए भी अहम है क्योंकि कतर पहले भी कई बार सीज़फायर की मध्यस्थता कर चुका है. सऊदी अरब का इजरायल से सामान्यीकरण अमेरिका की बड़ी कोशिश है. इंडोनेशिया ने गाजा में भविष्य की शांति सेना भेजने का आइडिया भी दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तो ट्रंप के “पक्के इरादे” की तारीफ भी कर दी.
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हमास का क्या है आरोप
दूसरी तरफ गाजा के लोग और संगठन इस प्लान को मजाक मान रहे हैं. गाजा के नागरिक इसे “फार्स” कह रहे हैं. हमास का आरोप है कि यह पूरी तरह से इजरायल के नजरिए को तरजीह देता है. वहीं इस्लामिक जिहाद ने इसे “लगातार आक्रामकता का नुस्खा” बताकर खारिज कर दिया. उनका कहना है कि इजरायल, अमेरिका के जरिए वही हासिल करना चाहता है जो युद्ध में नहीं कर पाया.
Trump Gaza Peace Deal: इजरायल और यूरोप का सपोर्ट
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप की योजना का समर्थन किया, लेकिन धमकी भी जोड़ दी है कि अगर हमास ने विरोध किया तो और तबाही झेलनी पड़ेगी. यूरोप भी अमेरिका के साथ खड़ा दिखा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि अमेरिकी प्लान, फ्रांस के आइडियाज़ से मेल खाता है. ब्रिटेन के पीएम कीयर स्टार्मर ने इसे “मजबूत समर्थन” दिया.
पूर्व ब्रिटिश पीएम टोनी ब्लेयर ने तो इसे “बोल्ड और इंटेलिजेंट” बताते हुए कहा कि वो खुद ट्रांजिशनल गाजा अथॉरिटी को लीड करने को तैयार हैं. इटली और जर्मनी ने भी इसे “एक अनोखा मौका” करार दिया.
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ट्रंप प्लान में क्या है खास?
गाजा के बंधक छोड़े जाएंगे. हमास को निशस्त्र किया जाएगा. गाजा की सत्ता के लिए एक ट्रांजिशनल गवर्निंग बॉडी बनेगी, जिसमें UN और खाड़ी देश शामिल होंगे. लगभग दो साल से चल रहे गाजा युद्ध को खत्म करने की कोशिशें पहले भी हुई हैं, लेकिन इस बार मामला अलग है क्योंकि इतने सारे मुस्लिम देश एक साथ अमेरिका के साथ खड़े हो गए हैं.

