Trump China 100 percent Tariff US Double Standards Trade War: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव फिर चरम पर है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर बड़ा आर्थिक प्रहार करते हुए सभी चीनी वस्तुओं पर 100% तक के नए टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है. इसके जवाब में चीन ने अमेरिका को उसके “डबल स्टैंडर्ड” के लिए घेरा है. इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ दोनों देशों के रिश्तों में ठंडक बढ़ा दी है, बल्कि वैश्विक बाजार को भी चिंता में डाल दिया है.
चीन का पलटवार- ‘हम व्यापार युद्ध नहीं चाहते, लेकिन डरते भी नहीं‘
अमेरिका के नए टैरिफ ऐलान के कुछ ही घंटे बाद चीन के कॉमर्स मंत्रालय ने सख्त बयान जारी किया. मंत्रालय ने कहा है कि यह अमेरिकी बयान ‘डबल स्टैंडर्ड’ का एक स्पेसिफिक उदाहरण है. बीजिंग ने ट्रंप प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह लगातार चीन पर आर्थिक दबाव बढ़ा रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच बातचीत का माहौल खराब हो रहा है.
चीन ने अमेरिका की “टैरिफ की धमकी” पर पलटवार करते हुए कहा, “हर मोड़ पर ऊंचे टैरिफ की धमकी देना चीन के साथ बातचीत का सही तरीका नहीं है.” मंत्रालय ने आगे कहा, “हम व्यापार युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं हैं. अगर अमेरिका अपनी गलतियों पर अड़ा रहा, तो चीन अपने वैध हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा.”
1 नवंबर से लागू होंगे नए टैरिफ
ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि 1 नवंबर से सभी चीनी वस्तुओं पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लागू किए जाएंगे. इसका मतलब यह हुआ कि अब चीनी उत्पादों पर कुल अमेरिकी टैरिफ लगभग 130% तक पहुंच जाएगा जो बीते कई दशकों में सबसे ऊंचा स्तर है.
ट्रंप ने दावा किया कि चीन ने दुर्लभ-पृथ्वी खनिजों (Rare Earth Elements) पर जो निर्यात प्रतिबंध लगाए हैं, वे “अत्यधिक आक्रामक” और “शत्रुतापूर्ण” हैं. इसी के जवाब में अमेरिका ने महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर और तकनीकी उत्पादों पर भी नए निर्यात नियंत्रण लागू कर दिए हैं.
बीजिंग का बचाव- ‘हमारे निर्यात नियंत्रण वैध हैं‘
ट्रंप के आरोपों पर चीन ने रविवार को प्रतिक्रिया देते हुए अपने निर्यात नियंत्रण उपायों का बचाव किया. चीन ने कहा कि उसके कदम वैध हैं और उनका उद्देश्य वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना है. बीजिंग ने यह भी कहा कि वह सभी देशों के साथ “निर्यात नियंत्रण पर बातचीत और सहयोग बढ़ाने” के लिए तैयार है. साथ ही चीन ने वाशिंगटन पर आरोप लगाया कि उसने सितंबर से आर्थिक दबाव बढ़ा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक वार्ता का माहौल कमजोर हुआ है.
ट्रंप की नाराजगी- ‘चीन दुनिया को बंदी बना रहा है’
ट्रंप ने बीजिंग पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन दुर्लभ पृथ्वी खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला पर अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल दुनिया को ‘बंधक’ बनाने के लिए कर रहा है. राष्ट्रपति ने कहा, “चीन बहुत आक्रामक होता जा रहा है.” फिलहाल अमेरिकी टैरिफ 30% है, जबकि चीन अमेरिकी उत्पादों पर 10% शुल्क लगाकर जवाब देता है. लेकिन अब जब अमेरिका ने 100% टैरिफ की घोषणा कर दी है, तो ये लड़ाई सीधे ट्रेड वॉर के अगले चरण में पहुंच गई है.
अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि यह टैरिफ युद्ध वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को झटका देगा. अमेरिका, एशिया और यूरोप इन सभी महादेशों के बाजार प्रभावित होंगे. विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, स्व ऊर्जा और टेक्नोलॉजी उद्योग में उत्पादन में देरी और लागत में बढ़ोतरी देखी जा सकती है. इसका असर आम कंज्यूमर तक पहुंचेगा और रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बढ़ेंगी और बाजार में उथल-पुथल बनी रहेगी. बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ होने वाली APEC बैठक पर भी संदेह हो गया है कि मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं.
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