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अमेरिकी जमीन पर कतर का सैन्य अड्डा, सोशल मीडिया पर मचा बवाल, लोग बोले- ‘यह तो घिनौनी हरकत है!’

US Military Base Qatar Training Center: माउंटेन होम एयर फोर्स बेस पर कतर का प्रशिक्षण केंद्र क्यों बना विवाद का कारण? जानिए अमेरिकी धरती पर विदेशी सैन्य प्रशिक्षण, F-15QA विमान, सोशल मीडिया प्रतिक्रिया और अमेरिका-कतर साझेदारी की पूरी कहानी के बारे में.

US Military Base Qatar Training Center: अमेरिका में विदेशी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र की खबर आते ही सोशल मीडिया पर आग लग गई. शुक्रवार सुबह अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने घोषणा की कि इडाहो स्थित माउंटेन होम एयर फोर्स बेस पर कतर के सैनिकों के प्रशिक्षण और रखरखाव के लिए केंद्र बनाए जाने के लिए समझौता हो गया है. जैसे ही यह खबर फैली, लोग भड़क उठे और राजनीतिक दलों के समर्थक सोशल मीडिया पर अपनी राय देने लगे.

लेकिन असलियत यह है कि यह नया कोई विदेशी अड्डा नहीं है. यह सिर्फ कतर सैनिकों के प्रशिक्षण और उनके F-15QA विमान के संचालन के लिए बनाए गए हैंगर और सुविधाओं का समूह है. अमेरिकी वायु सेना प्रवक्ता एन स्टेफनेक ने कहा, “यह निश्चित रूप से अभी भी एक अमेरिकी वायु सेना अड्डा है.”

US Military Base Qatar Training Center: अमेरिका में विदेशी प्रशिक्षण की परंपरा

माउंटेन होम की यह योजना नई नहीं है. अमेरिका में सहयोगियों को ऑन-साइट प्रशिक्षण देने की परंपरा पुरानी है. सिंगापुर की 428वीं फाइटर स्क्वाड्रन बुकेनियर्स 2008 से माउंटेन होम बेस पर तैनात हैं. जर्मन सेना दशकों से न्यू मैक्सिको के होलोमन एयर फोर्स बेस पर प्रशिक्षण ले रही है. पिछले साल अर्कांसस के एबिंग एयर फोर्स बेस पर अंतरराष्ट्रीय F-35 पायलटों के लिए नई सुविधाएं तैयार हुईं. इन उदाहरणों से पता चलता है कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ प्रशिक्षण समझौतों में लंबे समय से लगा हुआ है.

माउंटेन होम एयर फोर्स बेस का भूगोल और ढांचा

माउंटेन होम बेस बोइस से लगभग 50 मील (80.47 किलोमीटर) दक्षिण-पूर्व में स्थित है, दो पर्वत श्रृंखलाओं के बीच ऊँचे रेगिस्तानी पठार पर बसा है. यह जगह लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण के लिए आदर्श मानी जाती है. बेस के पास माउंटेन होम शहर है, जिसमें लगभग 17,000 लोग रहते हैं. नई सुविधाओं का निर्माण स्थानीय ठेकेदार करेंगे और कतरी प्रशिक्षण केंद्र के खर्च का वित्तपोषण कतर करेगा. सुरक्षा पूरी तरह अमेरिकी वायु सेना के हाथ में रहेगी, और प्रवेश के लिए मान्यता प्राप्त पहचान पत्र की जरूरत होगी.

US Military Base Qatar Training Center: माउंटेन होम बेस में क्या-क्या है

माउंटेन होम, जिसे “गनफाइटर” बेस कहा जाता है, 366वीं फाइटर विंग और 50 से अधिक F-15E स्ट्राइक ईगल विमान रखता है. 389वीं फाइटर स्क्वाड्रन थंडरबोल्ट्स, 391वीं फाइटर स्क्वाड्रन टाइगर्स और सिंगापुर की 428वीं फाइटर स्क्वाड्रन बुकेनियर्स. इसके अलावा, एयर कंट्रोल स्क्वाड्रन और एयर नेशनल गार्ड स्क्वाड्रन भी यहां हैं. कुल मिलाकर बेस में लगभग 5,100 सैन्य और नागरिक सदस्य और 3,500 परिवार के सदस्य शामिल हैं.

US Military Base Qatar Training Center: कतर और F-15QA विमान

कतरी सैनिक 2017 में अमेरिकी “विदेशी सैन्य बिक्री” कार्यक्रम के तहत F-15QA विमान खरीदने का निर्णय लिया. इसके तुरंत बाद इन विमानों के संचालन और प्रशिक्षण पर चर्चा शुरू हुई. 2020 में बेस पर संभावित पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन शुरू हुआ, जो 2022 में पूरा हुआ. एन स्टेफनेक के अनुसार, यह साझेदारी “उन्नत प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगी और दोनों देशों के लिए संयुक्त परिचालन तत्परता को बढ़ाएगी.”

विवाद और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

दक्षिणपंथी प्रभावशाली लॉरा लूमर, जो ट्रंप की करीबी हैं, ने इस योजना को “घृणास्पद” बताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “किसी भी विदेशी देश का अमेरिकी धरती पर सैन्य अड्डा नहीं होना चाहिए. खासकर इस्लामी देशों का.” ऐसे प्रशिक्षण समझौतों की आलोचना पहले भी हुई है. 2019 में फ्लोरिडा के पेंसाकोला नेवल एयर स्टेशन में प्रशिक्षण ले रहे एक सऊदी वायु सेना अधिकारी की गोलीबारी में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और कई घायल हुए. इसके बाद अमेरिका ने 21 सऊदी छात्रों को वापस भेज दिया.

कुछ लोगों का कहना है कि प्रशिक्षण केंद्र का विचार कतर द्वारा ट्रम्प को एयर फोर्स वन के लिए जंबो जेट उपहार देने के बाद और भी चर्चित हुआ. लेकिन स्टेफनेक ने स्पष्ट किया कि यह समझौता पहले से ही लंबी बातचीत का परिणाम है. अमेरिका अन्य देशों को रक्षा उपकरण और सेवाएं बेचता है ताकि अमेरिकी सुरक्षा बढ़े और वैश्विक शांति को बढ़ावा मिले. अमेरिकी सेना अक्सर सहयोगियों के साथ मिलकर काम करती है, और प्रशिक्षित सहयोगी अमेरिकी सैनिकों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं. एन स्टेफनेक के अनुसार, “यह साझेदारी दोनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व रखती है और हमारे सैनिकों के लिए बेहतर प्रशिक्षण अवसर सुनिश्चित करेगी.”

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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