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समंदर का शहंशाह! भारत का ‘Lanza-N’ रडार, दुश्मनों की नींद उड़ाने को तैयार, Tata–Spain की जोड़ी का है कमाल

Tata Advanced Systems Lanza N Radar: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने स्पेन की Indra संग मिलकर Indian Navy का पहला 3D रडार Lanza-N लॉन्च किया. ड्रोन, जेट और मिसाइल ट्रैक करने वाला ये रडार भारत की डिफेंस self-reliance में बड़ा कदम है.

Tata Advanced Systems Lanza N Radar: भारत ने डिफेंस टेक्नोलॉजी में एक और बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. Tata Advanced Systems Limited (TASL) ने स्पेन की डिफेंस कंपनी Indra के साथ मिलकर Indian Navy का पहला इंडिजिनस 3D Air Surveillance Radar  Lanza-N तैयार और इंस्टॉल कर दिया है. यह कोई मामूली रडार नहीं है, बल्कि ऐसा सिस्टम है जो ड्रोन, सुपरसोनिक जेट्स और मिसाइल्स को 3D में ट्रैक कर सकता है. इसे इंस्टॉल कर के भारत ने यह साबित कर दिया है कि नेवल सर्विलांस टेक्नोलॉजी में अब हम खुद पर भरोसा कर सकते हैं. आने वाले दिनों में भारत पर अगर किसी तरह का हमला होता है ये रडार ट्रैक करके खाक कर सकता है.

Lanza-N- ये रडार क्या कर सकता है?

Lanza-N, Indra के Lanza 3D रडार का नेवल वर्जन है और इसे दुनिया के सबसे एडवांस्ड लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस रडार्स में से एक माना जाता है. यह 3D में एयर और सरफेस दोनों टारगेट्स को ट्रैक करने में सक्षम है. रडार की रेंज 254 नौटिकल मील (लगभग 470 किलोमीटर) है. यानी, यह न सिर्फ ड्रोन और जेट्स को देख सकता है, बल्कि एंटी-रेडिएशन मिसाइल्स और नेवल प्लेटफॉर्म्स को भी पहचान सकता है. Indra का ये सिस्टम फ्रेंडली और होस्टाइल दोनों तरह के टारगेट को एक निर्धारित कवरेज एरिया में डिटेक्ट करने में सक्षम है.

Tata Advanced Systems और Indian Navy का सहयोग

TASL ने इस प्रोजेक्ट के साथ यह साबित कर दिया है कि अब भारत में नेक्स्ट-जनरेशन नेवल सर्विलांस रडार सिस्टम तैयार करने और इंटीग्रेट करने की क्षमता मौजूद है. कंपनी ने बताया कि Lanza-N को Indian Navy के वारशिप के सभी सिस्टम्स के साथ पूरी तरह इंटीग्रेट कर दिया गया है. इसका मतलब है कि ये रडार अब सिर्फ इंस्टॉलेशन तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी तरह operational है.

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Tata Advanced Systems Lanza N Radar: Self-Reliance की दिशा में बड़ा कदम

TASL के मुताबिक, Lanza-N का निर्माण और इंस्टॉलेशन भारत की डिफेंस सेल्फ-रिलायंस में एक मील का पत्थर है. इसमें सिस्टम इंटीग्रेशन और असेंबली में काफी लोकलाइजेशन की गई है. अब भारत की नौसेना के पास एक ऐसा एडवांस्ड नेवल रडार है जो पूरी तरह भारतीय तकनीक और भारतीय इंजीनियरिंग पर आधारित है. सबसे बड़ी बात, यह रडार सिर्फ एक इंस्टॉलेशन तक ही नहीं रहेगा. TASL के कर्नाटक फैसिलिटी में अब इन रडार्स का प्रोडक्शन भी शुरू होगा. इसका मतलब साफ है कि भविष्य में भारतीय नौसेना अपने रडार्स के लिए विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भर नहीं रहेगी.

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Lanza-N का इंस्टॉलेशन भारत की डिफेंस इंडस्ट्री के लिए सिर्फ तकनीकी सफलता नहीं, बल्कि एक प्रतीक है कि भारत अब अपने डिफेंस टूल्स खुद बना सकता है, उन्हें इंटीग्रेट कर सकता है और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रह सकता है. Tata Advanced Systems और Indra का यह सहयोग भारतीय नौसेना को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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