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अब ताइवान करेगा इजरायल वाला काम, चीन के खिलाफ इस हथियार का करेगा निर्माण

Taiwan T-Dome like Israel's Iron Dome: ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-टे ने अपने राष्ट्रीय दिवस संबोधन में कहा कि ताइवान रक्षा पर अधिक खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध है और वर्ष के अंत तक सैन्य खर्च के लिए एक विशेष बजट पेश करेगा. चीन से अपनी सुरक्षा के लिए ताइवान अब टी-डोम बनाने के लिए इजरायल की राह पर भी चलेगा.

Taiwan T-Dome like Israel’s Iron Dome: चीन से लगातार बढ़ रहे खतरे ने अब ताइवान को अधीर कर दिया है. हवाई जहाज हों या नेवी के शिप हर स्तर पर चीन ताइवान पर धौंस जमाने की कोशिश कर रहा है. बीते एक महीने में चीन ने कई बार ताइवान के सुरक्षा क्षेत्र में घुसपैठ की है. अब ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-टे ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश ने टी-डोम नामक एक नया बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली बनाने का निर्णय लिया है, ताकि चीन से बढ़ते सैन्य खतरों के बीच देश के लिए एक सुरक्षा जाल तैयार किया जा सके. उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाने का भी वादा किया और चीन से अपील की कि वह अपने द्वीप देश पर जबरदस्ती करने की योजना को छोड़ दे. 

फोकस ताइवान की रिपोर्ट के अनुसार अपने राष्ट्रीय दिवस संबोधन में राष्ट्रपति लाई ने कहा, “हम टी-डोम के निर्माण को तेज करेंगे, ताइवान में बहु-स्तरीय रक्षा, उच्च स्तर की पहचान और प्रभावी इंटरसेप्शन के साथ एक कड़ा वायु रक्षा प्रणाली स्थापित करेंगे और नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए ताइवान के लिए एक सुरक्षा जाल बुनेंगे.” राष्ट्रपति लाई ने अपने राष्ट्रीय दिवस संबोधन में कहा कि ताइवान रक्षा पर अधिक खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध है और वर्ष के अंत तक सैन्य खर्च के लिए एक विशेष बजट पेश करेगा. उन्होंने आगे कहा, “रक्षा खर्च में वृद्धि का एक उद्देश्य है- यह शत्रु के खतरों का सामना करने के लिए स्पष्ट आवश्यकता है और हमारी रक्षा उद्योगों के विकास के लिए प्रेरक शक्ति है.”

सेना का खर्च बढ़ाएगा ताइवान

लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान अपने सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और रक्षा खर्च बढ़ा रहा है, लेकिन उसे चीन का सामना करना है, जिसकी सैन्य ताकत कहीं अधिक है और जो उन्नत हथियारों से लैस है. वहीं ताइवान ने पिछले महीने ताइपे में आयोजित प्रमुख शस्त्र प्रदर्शनी- चियांग-कॉन्ग में अपनी नवीनतम वायु रक्षा मिसाइल का अनावरण किया, जिसे मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने और पैट्रियट्स से ऊँची हवाई सीमा तक पहुँचने के लिए डिजाइन किया गया है. लाई ने अपनी सरकार की देश के रक्षा खर्च को अगले वर्ष जीडीपी का 3 प्रतिशत और 2030 तक 5 प्रतिशत तक बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई है. 

विश्व युद्ध ने हमें सिखाया कि त्रासदियों को न दोहराएं

ताइवान के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि विश्व युद्ध II के सबक ने दुनिया के देशों को यह सिखाया है कि इतिहास की त्रासदियों को दोहराया नहीं जाना चाहिए. उस संघर्ष में आक्रामकों की महत्वाकांक्षाओं ने व्यापक विनाश और जीवन की हानि को जन्म दिया. आज की दुनिया में, तानाशाही का विस्तार जारी है और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है. ताइवान जलडमरू, पूर्वी चीन सागर और दक्षिणी चीन सागर में क्षेत्रीय व्यवस्था और यहां तक कि पूरे फर्स्ट आइलैंड चेन की सुरक्षा गंभीर खतरे में है.

इजरायल जैसी टी-डोम व्यवस्था बनाएगा ताइवान

लाई ने कहा, “हम टी-डोम के निर्माण को तेज करेंगे, ताइवान में बहु-स्तरीय रक्षा, उच्च स्तर की पहचान और प्रभावी इंटरसेप्शन के साथ एक कड़ा वायु रक्षा प्रणाली स्थापित करेंगे, और नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए ताइवान के लिए एक सुरक्षा जाल बुनेगे.” उनके इस बयान पर उपस्थित लोगों ने तालियों से समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने टी-डोम के बारे में और विवरण नहीं दिए, लेकिन रॉयटर्स (न्यूज एजेंसी) के अनुसार यह प्रणाली इजरायल के आयरन डोम जैसी होगी. ताइवान की मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियाँ मुख्य रूप से अमेरिकी पैट्रियट और ताइवान-निर्मित स्काई बो मिसाइलों पर आधारित हैं. 

10 अक्टूबर ताइवान का राष्ट्रीय दिवस- डबल टेन डे

ताइवान का राष्ट्रीय दिवस डबल टेन डे के नाम से भी जाना जाता है. 10 अक्टूबर को मनाया जाने वाला  ताइवान का राष्ट्रीय दिवस 1911 के उस विद्रोह की वर्षगांठ पर मनाया जाता है, जिसने चीन की अंतिम राजशाही को उखाड़ फेंका और रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की. 1949 में रिपब्लिकन सरकार माओ जेडॉन्ग के कम्युनिस्टों के साथ गृहयुद्ध हारने के बाद ताइवान चली गई और रिपब्लिक ऑफ चाइना द्वीप का औपचारिक नाम बना हुआ है. वहीं चीन, इस स्वशासित द्वीप रिपब्लिक को अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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